चेन्नई । G20 देशों के पहले शिक्षा समूह की बैठक एक और दो फरवरी को चेन्नई में होगी। G20 शिक्षा कार्य समूह, मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने, तकनीक-सक्षम शिक्षा को सभी स्तर पर ज्यादा समावेशी, गुणात्मक और सहयोगी बनाने, क्षमताओं का निर्माण करने, भविष्य के संदर्भ में जीवनपर्यंत क्षमता निर्माण कार्य सीखने को बढ़ावा देने, अनुसंधान को मजबूत करने, समृद्ध सहयोग और साझेदारी के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।शिक्षा समूह की बैठक से पहले IIT मद्रास के रिसर्च पार्क में 'शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका' पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा।

रिसर्च पार्क में आयोजित होने वाले सेमिनार में अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित 13 G20 सदस्य और अतिथि देश भाग लेंगे। इससे पहले बैठक की तैयारियों की समीक्षा के लिए विदेश मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, राज्य सरकार और IIT मद्रास की एक टीम ने 9 जनवरी को बैठक भी की थी।सेमिनार को पैनल चर्चा के रूप में तीन सत्रों में विभाजित किया गया है। K-12 शिक्षार्थियों के लिए सुलभ और समान शिक्षा प्रदान करना, उच्च गुणवत्ता वाले सीखने के अवसरों को सक्षम करना और कौशल शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियां।

यहां पर आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को एक फरवरी को चेन्नई से लगभग 55 किलोमीटर दूर पर्यटन स्थल महाबलीपुरम का दौरा करवाया जाएगा, जहां वो शोर मंदिर, पांच रथ और अन्य धरोहर स्मारकों का दौरा करेंगे।सेमिनार का आयोजन लचीला और समावेशी शिक्षा और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने और प्रत्येक विद्यार्थी की रचनात्मक क्षमता का पता लगाने के लिए किया जा रहा है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में और ज्यादा स्पष्ट किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को वैश्विक मंच पर साझा करने के लिए G20 एक अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा पूरी दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने और उजागर करने का अवसर मिलेगा।