जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर पर बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के प्रदेश स्तरीय शुभारंभ पर बोलते हुए कहा कि बच्चों की समस्या को दूर करने के लिए सरकार संकल्पित है। सरकार ने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाए है। सात संकल्प अगर समाज अपना ले, तो बच्चों का भविष्य बन सकता है। बाल मजदूरी और बाल हिंसा नहीं होनी चाहिए। कोरोना काल में लोगों के रोजगार छीन रहे थे, तो बच्चों के लिए पैकेज घोषित किया। 
उन्होंने कहा कि एनजीओ पर मेरा विश्वास है। कुछ सरकारें एक्टिविस्ट को पसंद नहीं करती है, लेकिन मेरी सरकार एक्टिविस्ट को प्रोत्साहन देती है।  गवर्नेंस में एनजीओ की भूमिका बड़ी होती है, ये जो काम कर सकते है, वह सरकार नहीं कर सकती। सरकार के पास वित्त व इंफ्रास्ट्रक्चर हो सकता है,  लेकिन भाव तो एनजीओ के पास होता है। इसलिए एनजीओ को प्रोत्साहन देना चाहिए है। हमारी सरकार उनके अनुभवों का उपयोग करेगी। गहलोत ने कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य है। कई बच्चें मजबूरी में स्कूल छोड़ देते है।  सरकार व एनजीओ को मिलकर इस पर सर्वे करना चाहिए। हमारी सरकार कई अहम स्कीम लेकर आई। बिना जागरुकता व प्रचार के उसका लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार की योजनाओं में एनजीओ का इन्वॉल्मेंट होना चाहिए। युवा प्रेरक योजना में 2 हजार युवाओं का चयन किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का अभिनव काम किया। अब इन स्कूलों में प्रवेश के लिए सिफारिश होती है। तीन साल में सरकार ने कई अहम फैसले किए है।