काबुल । अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान के 10 महीने बाद भारत ने बड़ा फैसला करते हुए अपने दूतावास को फिर से खोल दिया है। पिछले साल अगस्त में जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाया था तो भारत ने अपना दूतावास बंद कर दिया था। जानकारी के मुताबिक संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में भारतीय टेक्निकल टीम राजधानी काबुल पहुंची। ये टीम मानवीय सहायता की आपूर्ति में विभिन्न पक्षकारों के साथ समन्वय एवं करीबी निगरानी करेगा। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा, ‘मानवीय सहायता की प्रभावी ढंग से आपूर्ति करने एवं अफगानिस्तान के लोगों के साथ जारी सम्पर्को की करीबी निगरानी एवं समन्वय के प्रयासों के मद्देनजर एक भारतीय तकनीकी दल आज काबुल पहुंचा और उसे हमारे दूतावास में तैनात किया गया।’ गौरतलब है कि भारत के इस कदम को युद्ध प्रभावित रहे अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद वहां अपनी अपनी पूर्ण मौजूदगी की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा, ‘हाल ही में एक भारतीय दल ने अफगानिस्तान को हमारे मानवीय सहायता अभियान की आपूर्ति को देखने के लिये काबुल का दौरा किया था और वहां सत्तारूढ तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की थी। इस यात्रा कें दौरान वहां सुरक्षा स्थिति का जायजा भी लिया गया था।’ विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘अफगान समाज के साथ हमारे लंबे समय से संबंध तथा मानवीय सहायता सहित विकास साझेदारी हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखेगी।’ इस बीच, भारत ने अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में आए शक्तिशाली भूकंप को लेकर राहत सामग्री भी भेजी है और इसकी पहली खेप काबुल पहुंच गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान के लोगों के लिये भारत की ओर से भूकंप राहत सहायता की पहली खेप काबुल पहुंच गई है। इसे वहां भारतीय दल को सौंप दिया गया है।’