Basant Panchami : हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल बसंत पंचमी का ये पावन पर्व 26 जनवरी 2023 को है। बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को अत्यंत प्रिय है। इस दिन ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ये दिन शिक्षा एवं कला से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। 

मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधि-विधान से मां शारदा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति संगीत, कला और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होता है। साथ ही मां शारदा का आशीर्वाद अपने भक्तों पर हमेशा बना रहता है। वहीं वास्तु शास्त्र में भी मां सरस्वती की प्रतिमा को लेकर कुछ खास नियम बताए गए हैं। बसंत पंचमी के दिन यदि आप इस नियमों का पालन करते हैं तो ज्ञान की देवी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहेगी। आइए जानते हैं क्या हैं वे नियम...

इस दिशा में लगाएं मां सरस्वती की तस्वीर
शिक्षा संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का चित्र या मूर्ति घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं। ऐसा करने से आपके सभी कार्य बिना बाधा के पूर्ण होने लगेंगे।

ईशान कोण में कर सकते हैं प्रतिमा स्थापित
यदि घर में पूर्व या उत्तर दिशा में स्थान खाली न हो तो आप मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए वसंत पंचमी के दिन घर में ईशान कोण को साफ करके मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करके पूजा कर सकते हैं।

ऐसी होनी चाहिए मां सरस्वती की मूर्ति
घर में मां सरस्वती की मूर्ति कमल पुष्प पर विराजमान बैठी हुई मुद्रा में ही होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार खड़ी हुई मुद्रा में माता की मूर्ति स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता।

वास्तु शास्त्र की मानें तो मां सरस्वती की मूर्ति हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में होनी चाहिए। साथ ही मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें कि प्रतिमा खंडित ना हो। बसंत पंचमी की पूजा करते समय पूजा स्थल पर भूलकर भी मां सरस्वती की दो प्रतिमा स्थापित न करें।