गिरिडीह । झारखंड के गिरिडीह के बगोदर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक तरफ पिता की चिता जल रही थी, तो दूसरी तरफ बेटी पेपर दे रही थी। मामला बगोदर प्रखंड के कुसुमरजा पंचायत अंतर्गत हरैयाटांड का है। दरअसल, हरैयाटांड गांव के रहने वाले द्वारिका यादव कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। इस बीच उनकी मौत हो गई। बुधवार को जहां एक ओर पिता की अर्थी निकल रही थी। वहीं दूसरी ओर बेटी मैट्रिक एग्जाम के लिए घर से निकल रही थी। नदी में जहां पिता की चिता जल रही थी। वहीं दूसरी ओर बेटी निशा कुमारी बगोदर में मैट्रिक की परीक्षा लिख रही थी। निशा गोपालडीह हाई स्कूल की छात्रा है और बगोदर आर के कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उसका सेंटर पड़ा था। पिता के मौत के गम के बीच उसने बुधवार को परीक्षा दी। परीक्षा खत्म होने के बाद जब छात्रा से पूछा गया तो उसने बताया कि परीक्षा ठीक गई है। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि दो बहन और एक भाई है जिसमें वह सबसे बड़ी है। गोपालडीह हाई स्कूल के शिक्षक राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षा के प्रति जागरूकता का परिणाम है। उन्‍होंने कहा है कि पिता की मौत के बाद निशा के सामने चुनौतियां थी, जिसे उसने स्वीकार कर दिखाई है। पिता तो वापस नहीं लौटते मगर छात्रा का एक साल का मेहनत और समय व्यर्थ में चला जाता। ऐसे में बच्ची ने एग्जाम लिखकर समाज में प्रेरणा देने का काम किया है और उम्मीद है कि समाज की अन्य लड़कियां भी इससे प्रेरित होकर शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगीं।