बस्तर में भूमकाल दिवस को देखते हुए नक्सल खौफ की वजह से किरंदुल से जगदलपुर तक पैसेंजर ट्रेन नहीं चलेगी। 11 फरवरी तक पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही बंद रखने का रेलवे ने निर्णय लिया है। किरंदुल से विशाखापट्टनम जाने वाले यात्रियों को और वहां से आने वाले यात्रियों को अब जगदलपुर से ट्रेन में बैठना और उतरना पड़ेगा। ऐसे में यात्रियों को भी 2 दिन तक परेशानी होगी। अक्सर माओवादी किरंदुल-जगदलपुर रेलवे मार्ग को अपना निशाना बनाते हैं। इसलिए रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही बंद रखी है। हालांकि, किरंदुल से लौह अयस्क लेकर विशाखापट्टनम तक मालगाड़ियों की आवाजाही जारी रहेगी।

किरंदुल से विशाखापट्टनम तक केवल 2 ही यात्री ट्रेन चलती हैं। इन ट्रेनों के माध्यम से सैकड़ों यात्री आना-जाना करते हैं। बस्तर से ज्यादातर यात्री मेडिकल कामों से विशाखापट्टनम जाते हैं। वहीं नक्सल दहशत की वजह से ट्रेन संख्या 18551 किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस को 9 फरवरी को जगदलपुर में ही रोक दिया गया था। किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग हमेशा नक्सलियों के निशाने में रहा है। ज्यादातर दंतेवाड़ा जिले के बासनपुर-झिरका के जंगल में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया है। साल 2021 में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उखाड़ कर एक पैसेंजर ट्रेन को डिरेल किया था। हालांकि, ट्रेन की रफ्तार कम थी इस लिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।