नई दिल्‍ली । केन्‍द्र लोगों को सड़क, रेल, हवाई मार्ग के साथ सी प्‍लेन चलाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए काम शुरू हो चुका है। जिन-जिन एयरोड्रम से सी प्‍लेन चलाने हैं, उन्हें चिहिन्‍त कर लिया गया है। उड़ान योजना के तहत इन वाटर एयरोड्रम से सी प्‍लेन का संचालन होगा। साबरमती रिवरफ्रंट तथा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बीच सीप्लेन संचालन शुरू किया गया था। 
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार देश के छह राज्‍यों और दो यूटी में सी प्‍लेन चलाने के लिए 25 वाटर एयरोड्रम की पहचान हो चुकी है। इसमें गुजरात, असम, तेलंगाना, आन्‍ध्र प्रदेश, गोवा, हिमाचल के अलावा अंडमान और निकोबार व लक्ष्‍यद्वीप शामिल हैं। इसमें से सबसे ज्‍यादा वाटर एयरोड्रम लक्षद्वीप में चिहिन्‍त किए गए हैं। यहां के 8 वाटर एयरोड्रम शामिल हैं। वहीं दूसरा नंबर अंडमान निकोबार का हैं, यहां पर पांच वाटर एयरोड्रम से सी प्‍लेन चलने हैं। इसके अलावा गुजरात, असम और गोवा में तीन-तीन वाटर एयरोड्रम चिहिन्‍त किए गए हैं। आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना के लोग भी सी प्‍लेन से सफर का आनंद ले सकते हैं। इन तीनों राज्‍यों में एक-एक वाटर एयरोड्रम चिन्हित किए हैं। साबरमती रिवरफ्रंट तथा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बीच सीप्लेन संचालन शुरू किया गया था।  लेकिन वाणिज्यिक और कोरोना से जुड़े कारणों से फिलहाल इसका संचालन अप्रैल 2021 को रोक दिया गया है। 
मोदी सरकार की उड़ान बाजार आधारित योजना है। इच्छुक एयरलाइनें, सीप्लेन प्रचालन सहित विशिष्ट मार्गों पर मांग के आंकलन के आधार पर उड़ान योजना के तहत बोली प्रक्रिया के दौरान अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार समुद्री तट और नदियों के किनारे बसे इलाकों में सी एयरोड्रम का निर्माण सफल रहेगा। अभी इन इलाकों में एयरपोर्ट दूर होते हैं, जहां जाने के लिए लोगों को समय लगता है, लेकिन तटीय इलाकों में इस तरह एयरपोर्ट बनने से लोगों का समय बचेगा। लोग करीब बने वाटर एयरोड्रम से सी प्‍लेन से अपने गंतव्‍य तक जा सकते हैं।