पश्चिम बंगाल में तृणमूल व विपक्षी भाजपा के बीच अब नया विवाद शुरू हो गया है। तृणमूल विधायक साबित्री मित्रा मुखर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तथा अन्य भाजपा नेताओं की तुलना कौरवों से कर दी। इस अपमानजनक टिप्पणी को लेकर जब बंगाल के भाजपा नेताओं ने मुखर्जी से माफी मांगने को कहा तो टीएमसी विधायक ने इससे भी इनकार कर दिया।सत्तारूढ़ तृणमूल विधायक मुखर्जी ने रविवार को एक सभा में मोदी, शाह व बंगाल के भाजपा नेताओं को महाभारत में कौरवों के मुख्य किरदारों की तरह बताया था। इसके खिलाफ सोमवार को भाजपा विधायकों ने बंगाल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।भाजपा विधायकों ने मुखर्जी से माफी की मांग की थी।

भाजपा की माफी की मांग पर विधायक साबित्री मुखर्जी ने कहा 'मैं माफी क्यों मांगूं? जो बात मैंने कही ही नहीं, उसके लिए मैं माफी क्यों मांगूं। मैंने पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के लिए कोई अपमानजनक बात नहीं कही।' मुखर्जी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने टीएमसी प्रमुख व सीएम ममता बनर्जी को सूर्पणखा कहा था, इसके जवाब में मैंने उक्त बात कही थी।

उधर, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी नेता की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अपने शीर्ष नेता के नक्शेकदम पर चलते हुए मुखर्जी ने मालदा में एक रैली में पीएम और गृह मंत्री को कौरव बताया है। पहले टीएमसी नेता माणिकचक और अब विधायक साबित्री मित्रा जहर उगल रही हैं। उनका कहना है कि गुजरात का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं था। भारत को गुलाम रखने के लिए गुजरातियों ने अंग्रेजों को हथियार मुहैया कराए थे। अधिकारी ने कहा कि गुजरातियों के लिए टीएमसी नेताओं की नफरत समझ से परे है।

मुखर्जी की टिप्पणी को लेकर भाजपा की विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि शीर्ष नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग करना टीएमसी की संस्कृति है। हम हैरान हैं कि उनमें ऐसी टिप्पणियां करने का दुस्साहस कैसे है? दरअसल उनकी नेता ममता बनर्जी ही खुद ऐसी भाषा का इस्तेमाल करती हैं। इससे दूसरे नेताओं को भी ताकत मिलती है।