उत्तरकाशी ।   उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे के बाद 80 घंटे से ज्यादा समय से फंसे 40 मजदूरों को निकलने के लिए  नॉर्वे और थाईलैंड की स्पेशल टीमों की भी रेस्क्यू में मदद ली जा सकती है। भारतीय रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उस रेस्क्यू फर्म से संपर्क किया है, जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। 
चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। रविवार को अचानक टनल धंसने से ये मजदूर बफर जोन में फंस गए। फंसे हुए मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। 
उत्तरकाशी के रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी और एयरफोर्स की मदद ली जा रही है। टनल के अंदर फंसे 40 लोगों को बचाने के लिए दिल्ली मशीन को एयरलिफ्ट करके मंगाया गया। टनल के अंदर प्लेटफार्म बनाने की कोशिश की गई।
ये मशीन एक घंटे में 4-5 मीटर मलबे में घुस सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 10-12 घंटों में रेस्क्यू टीम पाइप को उस जगह पर पहुंचाने में कामयाब रहेगी, जहां 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इस पाइप का व्यास  900 मिलीमीटर है, जो पुरुषों के बाहर निकालने के लिए पर्याप्त होगा। 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाईलेवल मीटिंग की। धामी ने बताया- हम रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से भी घटना की मॉनिटरिंग की जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी ने जांच शुरू भी कर दी है।