अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ एडवाइजरी
नई दिल्ली । श्री अमरनाथ गुफा 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इसकारण श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान कम भूख लगने, उल्टी या दस्त, कमजोरी, धीमा सिरदर्द, सांस लेने में तकली हो सकती है। इसके लिए अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले सभी यात्रियों को कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। यात्रा से पहले एक महीना रोजाना 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलें। योग और प्राणायाम जैसे व्यायाम का अभ्यास करें, इससे आपका सांस पर नियंत्रण बन जाएगा।
यदि आपको ऊंचाई वाली यात्रा में पहले कोई समस्या आ चुकी है, तब आप यात्रा शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जांच करवाएं। यात्रा के दौरान चढ़ाई पर धीमे चले और बीच-बीच में सांस लेने के लिए रुकें। नीचे उतरते वक्त तेजी से न चलें और बीच-बीच में रुकते रहें। यात्रा के दौरान समस्या होने पर दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्कक करके सलाह करें। इतना ही नहीं यात्रा के दौरान खूब पानी पिएं। इससे सिरदर्द नहीं होगा। यात्रा के दौरान खाने-पीने का ध्यान रखें और श्राइन बोर्ड द्वारा सुझाए गए डाइट चार्ट को फॉलो करें। बीमार होने की स्थिति में किसी भी यात्री द्वारा दी गई मेडिकल सलाह न मानें।
यात्री ये सामना अपने साथ जरुर रखे
अपने साथ ऊनी कपड़े जरूर रखें, क्योंकि यात्रा के दौरान न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक लुढ़क सकता है। इसके अलावा छाता, विंडचीटर, रेनकोट और वाटरप्रूफ जूते जरूर रखें। अपने कपड़े और खाने का सामान वाटरप्रूफ बैग में रखें ताकि मौसम बिगड़ने पर ये गीले न हों। यात्रा के दौरान अपने साथ अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर लिखी एक पर्ची जेब में जरूर रखें। अपना पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और यात्रा परमिट जरूर रखें। यदि आपके ग्रुप का कोई साथी बिछड़ जाता है, तब तुरंत ही पुलिस को सूचना देकर बिछुडऩे की घोषणा यात्रा कैम्प के जरिए करवाएं।
चंदनवाड़ी के गेट सुबह 5 से लेकर 11 बजे तक खुलते हैं। इसी अवधि के दौरान गेट पर पहुंचें। गेट बंद होने के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा की इजाजत नहीं मिलेगी।
प्रीपेड सिम कार्ड जम्मू-कश्मीर में काम नहीं करेगा। आपको बालटाल और नुवान के बेस कैंप से प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड आसानी से मिल जाएंगे।
यात्री ये काम नहीं करे
महिलाएं यात्रा के दौरान साड़ी न पहनें। महिलाओं को सलवार-कमीज, पैंट-शर्ट या ट्रैक सूट में यात्रा करनी चाहिए। 6 हफ्ते से ज्यादा की गर्भवती महिलाओं को यात्रा करने से बचना चाहिए। 13 साल से छोटे बच्चे और 75 साल से ऊपर के बुजुर्ग को यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यात्रा मार्ग में चेतावनी वाले नोटिस की जगह पर न रुकें और ट्रैक पर चलते रहें। नंगे पैर अथवा ऊनी कपड़े के बिना यात्रा न करें क्योंकि यात्रा मार्ग का तापमान किसी भी समय बिगड़ सकता है।
स्लीपर का इस्तेमाल न करें और ट्रैकिंग शूज के साथ ही यात्रा करें। यात्रा के दौरान शॉर्टकट रास्ता न अपनाएं, यह खतरनाक साबित हो सकता है। खाली पेट यात्रा न करें। यह सेहत के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है। अपने साथ प्लास्टिक के लिफाफे न लेकर आएं। जम्मू-कश्मीर में ये प्रतिबंधित हैं।