जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ.सुबोध अग्रवाल ने सचिवालय में माइंस विभाग के अधिकारियों से वीसी के माध्यम से रुबरु होते हुए बताया है कि माइंस विभाग द्वारा अप्रधान खनिजों (माइनर मिनरल) के नीलामी हेतु इस साल अब तक 609.66 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 95 प्लॉट तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 197.17 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 116 प्लॉटों की सफल नीलामी की जा चुकी है।
उन्होंने फील्ड के भूविज्ञानियों और माइनिंग इंजीनियरों से परस्पर समन्वय बनाते हुए सभी संभावित बिन्दुओं का अध्ययन कर ऑक्शन के लिए नए प्लॉट तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि माइनिंग प्लाटों की सफल नीलामी के साथ ही प्रतिस्पर्धात्मक राजस्व प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक के लिए वैध खनन को बढ़ावा देना होगा और इसके लिए अधिक से अधिक प्लॉट तैयार करने के साथ ही नीलामी प्रक्रिया में तेजी लानी होगी। माइनर मेजर के इन ब्लॉकों में सर्वाधिक 46 भरतपुर, 25 भीलवाड़ा, 9 राजसमंद, 5-5 उदयपुर व बीकानेर, 3 जोधपुर और 2 जयपुर में तैयार किए गए हैं। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि माइंस विभाग की खनन पट्टों की नीलामी अब प्रीमियम दरों पर होने लगी है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्यके 193 आरसीसी ईआरसीसी ठेकों में से 130 ठेकों की सफल नीलामी हो चुक हैं और इनसे 1840 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा वहीं शेष रहे 53 ठेकों की प्राथमिकता से नीलामी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीलामी प्रक्रिया में स्थानीय व नए लोगों को जोडऩे के प्रयास किए जाएं ताकि अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर पिछले दो माह से अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ चल रहे राज्यव्यापी अभियान की चर्चा करते हुए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह पहला अवसर है जब माइंस, पुलिस, वन, स्थानीय प्रशासन द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है और दो माह में ही 405 गिरफ्तारी के साथ ही 699 एफआइआर दर्ज हो चुकी है। अभियान  के दौरान बड़े वाहनों व मशीनरी को जब्त करने पर भी जोर दिया गया और 68 बड़ी मशीने जब्त करने के साथ ही 1970 वाहन जब्त किया गया है। करीब साढ़े दस करोड़ रुपए जुर्माने के रुप में वसूले जा चुके हैं।