नई दिल्ली । सीबीआई ने अब तक का सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा मामला दर्ज किया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह के साथ कथित 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला रजिस्टर किया है। धोखाधड़ी में डीएचएफएल के कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह एजेंसी की जांच के दायरे में आई अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई आरोपियों के मुबंई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ले रही है। इससे पहले एबीजी शिपयार्ड पर 23,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। जांच एजेंसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि, तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और रियल्टी क्षेत्र की छह कंपनियों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के साथ कथित तौर पर 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश में शामिल होने को लेकर मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने बैंक से 11 फरवरी, 2022 को मिली शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की है। इससे पहले 2021 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सीबीआई को डीएचएफएल के प्रमोटर्स और तत्कालीन प्रबंधन की जांच करने के लिए लिखा था। इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम को 40,623.36 करोड़ रुपये (30 जुलाई, 2020 तक) का नुकसान होने की बात कही गई थी। वधावन बंधु कथित भ्रष्टाचार के मामले में फिलहाल सीबीआई जांच के घेरे में हैं। बता दें कि डीएचएफएल एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। कपिल इसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे। डीएचएफएल अब डूबने के कगार पर हैं, इस बेचने की प्रक्रिया चल रही है। अपनी शिकायत में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कंसोर्टियम द्वारा नियुक्त ऑडिट फर्म केपीएमजी के निष्कर्षों को रखा है। निष्कर्षों में प्रथम दृष्टया निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं होना, खातों में हेरफेर, जानकारी छुपाना, अघोषित बैंक खाते और गलत बयानी पाई गयी है।