इंडियन  रेलवेज: रेलवे बोर्ड ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम उठाया। 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल के कार्यकाल में रेलवे द्वारा संचालित प्रिंटिंग प्रेसों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। आने वाले समय में इनका ठेका प्राइवेट वेंडर्स को द‍िया जा सकता है। रेलवे बोर्ड की तरफ से यह फैसला डिजिटल इंडिया (Digital India) की तरफ एक कदम और बढ़ाते हुए लिया गया।2017 में तत्‍काली रेलवे म‍िन‍िस्‍टर पीयूष गोयल के कार्यकाल के दौरान ऐसा फैसला क‍िया गया ज‍िसमें रेलवे की तरफ से संचालित प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की बात हुई।

प्रिंटिंग प्रेस को बंद क‍िये जाने पर प्रिंटिंग का पूरा ठेका प्राइवेट वेंडर्स को दिया जाएगा। इसके बाद प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की तैयारी की गई। उस समय बंद हुई प्रिंटिंग प्रेस के बाद कुछ संचाल‍ित थी। अब इनको भी बंद करने का फैसला लिया जा रहा है। 
रेलवे म‍िन‍िस्‍ट्री ने कुल 14 प्रिंटिंग प्रेस में से 9 को बंद करने का न‍िर्णय ल‍िया। बाकी 5 प्रिंटिंग प्रेस को रेलवे ने अपने नियंत्रण में रखा। इन प्रिंटिंग प्रेस को भी रेलवे की तरफ से अब बंद करने का न‍िर्णय ल‍िया गया है।

प‍िछले द‍िनों रेलवे की तरफ से एक आदेश में कहा गया क‍ि भायखला मुंबई, हावड़ा, शकूरबस्ती-दिल्ली, रोयापुरम चेन्नई और सिकंदराबाद में चल रही प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का फैसला किया गया है। इसके 4 जून 2019 के पत्र में प्रेस को बंद करने की बात कही गई थी।