जनपद बाड़मेर में जिले के सबसे प्राचीन माता जगतम्बा मंदिर में 2100 कन्याओं के पूजन व भोजन का हुआ आयोजन
बाड़मेर। देश में नारी को शक्ति का स्वरूप माना जाता है और कई आयोजनों से इसको और बल मिलता है। जनपद बाड़मेर में ऐसा ही कुछ दिखा जिले के सबसे प्राचीन माता जगतम्बा मंदिर में। मंदिर में 2100 कन्याओं के पूजन और भोजन का अनूठा आयोजन हुआ।
बेटी है तो संसार है, बेटी है तो घर परिवार है, बेटी शक्ति का वरदान है। बेटा-बेटी के बीच भेद को दूर करने और लोगों की सोच में बदलाव लाने के लिए 2100 बेटियों के पैर धोकर उसकी पूजा की गई। भागवत पुराण के अनुसार हवन, जप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होती हैं, जितनी कन्या पूजन से प्रसन्न होती हैं।
ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुंवारी कन्याओं में मां दुर्गा के 9 रूपों का वास होता है। लोग मानते हैं कि कन्याओं के पूजन करने से और देवियों की तरह सत्कार और खाना खिलाने से मां दुर्गा भी बहुत प्रसन्न होती है और अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। ऐसे में आयोजन के दौरान एक-एक बेटी के कुमकुम अक्षत लगाने के साथ लाल मोली बांधी गई और उनको देवी का प्रतीक मानते हुए उनकी पूजा की गई। 500 साल पुराने इस मंदिर में क्रमबद्ध तरीके से शहर की इन हजारों बेटियों की गढ़ मंदिर परिसर में खास पूजा की गई।
आयोजन के कार्यकर्ता अरविंद सिहल के मुताबिक कन्याओं के पूजन आयोजन की तैयारियां पिछले 2 महीने से चल रही थीं जो कि बड़े ही व्यवस्थित कार्यक्रम के रूप में नजर आईं। मंदिर के पंडित राहुल शर्मा के मुताबिक बरसों से कन्या को शक्ति का स्वरूप का रूप माना जाता है, जिस तरह नवरात्र के 9 दिनों तक माता शक्ति के 9 अलग-अलग रूपों का पूजन किया जाता है, उसी तरह कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता शक्ति की उपासना, पूजन और प्रसादी का आयोजन किया जाता है।