भोपाल : मध्यप्रदेश गौ-संवर्द्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा है कि मनरेगा के वित्तीय सहयोग से जिन गौ-शालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया है, उनका पंजीयन करवाएँ। स्थानीय निकायों के अधिकारी सड़कों पर बेसहारा भटक रहे गौ-वंश को इन गौ-शालाओं में शिफ्ट कर देखभाल करें। ऐसे गौ-वंश के लम्पी के चपेट में आने की संभावना अधिक है। स्वामी श्री गिरि ने यह निर्देश आज बोर्ड की कार्य परिषद की बैठक में दिये।

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने गौ-वंश संरक्षण एवं गौ-शालाओं की वर्तमान स्थिति और लम्पी स्किन डिसीज की रोकथाम के लिये प्रदेश में गौ-शालाओं में चिकित्सकीय कार्यों की समीक्षा की। बैठक में लम्पी की जिलेवार समीक्षा करते हुए स्थानीय आवश्यकता के अनुसार रोकथाम के उपायों की रणनीति तैयार की गई।

संचालक डॉ. मेहिया ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में उद्भेद के साथ ही मध्यप्रदेश में रोकथाम के सभी उपाय शुरू कर दिये गये थे, जिससे स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। गौ-संवर्द्धन बोर्ड ने 17 जिलों में गौ-वंश के प्राथमिक उपचार और टीकाकरण के लिये एक-एक लाख रूपये की सहायता राशि स्वीकृत की। सदस्यों ने अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौ-शालाओं में अधो-संरचनागत निर्माण कार्यों के लिये आर्थिक सहायता दिये जाने की भी अनुशंसा की।

प्रबंध संचालक पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम डॉ. एच.एस. भदौरिया सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, किसान-कल्याण एवं कृषि और पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।