नई दिल्ली । केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने आज निजी क्षेत्र को अत्‍याधुनिक संचार और मौसम उपकरणों का पीपीपी मोड में निर्माण करने के लिए सरकार के साथ मिलकर कार्य करने को कहा है। रिजिजू ने मौसम पूर्वानुमान क्षेत्र में वाणिज्यिक संगठनों से भी सबके लिए लाभकारी प्रस्ताव के लिए आईएमडी के साथ जुड़ने का आह्वान किया और सुझाव दिया कि निजी पक्ष भुगतान के आधार पर आईएमडी उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं। रिजिजू ने दिल्ली में मौसम भवन में केंद्रीय पूर्वानुमान प्रणाली और सैटेलाइट डेटा सेंटर सहित आईएमडी की विभिन्न सुविधाओं का दौरा करने के बाद मीडिया को जानकारी देते बताया कि 2014-23 के दौरान देश में 22 नए डॉपलर मौसम रडार चालू किए गए हैं। इसके साथ ही इनकी कुल संख्या 37 हो गई है। रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भरता के विज़न के अनुरूप ये डॉपलर रडार भारत में ही बनाए जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने को कवर करने के लिए अगले दो से तीन साल में कुल 68 रडार लगाए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि डॉपलर रडार क्षेत्र में होने वाली मौसम की गंभीर घटनाओं की जानकारी प्रदान करते हैं और आपदा प्रबंधन अधिकारियों की सहायता करते हैं। रिजिजू ने यह भी सूचित किया कि सितंबर में इसरो कुछ और संचार उपग्रह लॉन्च करेगा, जिससे मौसम पूर्वानुमान में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि हाल के पांच वर्षों में भारी वर्षा, कोहरा, गर्मी/शीत लहर और तूफान जैसी मौसम की अन्य गंभीर घटनाओं के पूर्वानुमान की सटीकता में 40 से 50 प्रतिशत सुधार हुआ है। रिजिजू ने कहा कि इन अनुप्रयोगों के लिए हाई रिज़ॉल्यूशन एन्‍सेंबल  वैश्विक/क्षेत्रीय मॉडल और सेटेलाइट डेटा एसेमिलेशन विकसित किए गए।