दिल्ली: आम चुनाव 2024 के लिए सत्तारूढ़ एनडीए के खिलाफ विरोधी दलों को एकजुट करने की कवायद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जून को पटना में संयुक्त बैठक बुलाई थी।

लेकिन बीते रविवार को जानकारी सामने आयी की पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक रद्द कर दी गई है।

खबरों के अनुसार नीतीश की अगुवाई में विपक्षी दलों की पहली संयुक्त बैठक को इस कारण रद्द करना पड़ा क्योंकि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बैठक में शामिल होने पर असमर्थता व्यक्त कर रहा था। समाचार बेवसाइट इंडियन एक्सप्रेस की जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने इस बात की इच्छा जताई थी कि विपक्षी दलों की बैठक 20 जून के बाद हो ताकि उसमें पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी शामिल हो सकें।

राहुल गांधी इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरे पर हैं और 12 जून तक उनकी वापसी असंभव है। लेकिन जेडीयू ने बावजूद कुछ विपक्षी दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद 12 जून को पटना बैठक का ऐलान कर दिया लेकिन 12 जून की तारीख कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं थी।

खबरों के अनुसार बैठक के लिए 12 जून की तारीख न केवल कांग्रेस बल्कि डीएमके और सीपीआई (एम) के लिए भी सुविधाजनक नहीं थी। इन सारी स्थितियों के बाद भी जब जदयू ने एकतरफा तारीख की घोषणा कर दी तो कांग्रेस ने संकेत दे दिया कि पटना बैठक में खड़गे नहीं शामिल होंगे और वह अपने बजाय पार्टी के मुख्यमंत्रियों में से किसी एक को पटना बैठक में भेज सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार विदेश दौरे पर गये राहुल गांधी भी 18 जून को भारत लौटेंगे। इस कारण उनका तो 12 जून की बैठक में शामिल होना संभव ही नहीं था। ऐसे में ये माना जा रहा था कि 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए बिना कांग्रेस के कोई बैठक होती है तो उससे विपक्षी एकता को लेकर बेहद खराब संदेश जाएगा।

खबरों के अनुसार काफी विचार मंथन के बाद जदयू ने अब विपक्षी नेताओं को बताया है कि पटना बैठक 12 जून की बजाय अब 20 से 23 जून के बीच में आयोजित हो सकती है। इसे पूरे घटनाक्रम से पूर्व कांग्रेस ने स्पष्ट किया था कि वो 12 जून की बैठक में भाग लेगी, लेकिन खड़गे और राहुल बैठक का हिस्सा नहीं होंगे।