राज्यपाल बनने के बाद भी राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर से बीजेपी विधायक रहे गुलाबचंद कटारिया का राजनीति से मोह नहीं छूटा है। उदयपुर में गुलाब बाग में टॉय ट्रेन के उद्घाटन के दौरान कटारिया ने सक्रिय राजनीति में लौटने के संकेत देकर सियासत गरमा दी।

असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने उदयपुर के गुलाब बाग में टॉय ट्रेन का उद्घाटन किया। नगर निगम के कार्यक्रम में मामोनीत पार्षद रविंद्र पाल ने कटारिया का स्वागत किया। साथ ही पार्षद रविंद्र पाल कप्पू ने पूछा- 'सुना है आप उदयपुर से चुनाव लड़ने वाले हैं?' इस पर कटारिया ने पहले हंसते हुए कहा 'नहीं'। फिर कुछ ठहरकर और सोचकर बोले- 'पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी जो कहेगी, मैं वही करूंगा।' कटारिया के इस जवाब ने मेवाड़ की राजनीति को फिर गरमा दिया है। राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के इस जवाब से उनके साथ मौजूद बीजेपी कार्यकर्ता भी चौंक गए।

पार्षद रविंद्र पाल कप्पू से कटारिया से पलटकर सवाल किया कि तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है? तब पार्षद ने कहा कि आप आए दिन उदयपुर आ रहे हैं। दौरे भी कर रहे हैं। मुझे लगा कि आप उदयपुर से फिर चुनाव लड़ेंगे। इस पर गुलाब चंद कटारिया ने उन्हें जवाब दिया कि पार्टी का निर्णय सर्वमान्य होगा। जो ऊपर से आदेश होगा, वही मान्य होगा। पार्षद ने असम राज्यपाल कटारिया से फिर सवाल किया कि सुना है आप तो पार्टी के ऊपर के आदेश को भी उलट देते हैं? कटारिया फिर से हंसे और बोले- पार्टी कहेगी चुनाव लड़ना है, तो लडूंगा। पार्टी कहेगी नहीं लड़ना है, तो नहीं लडूंगा।

राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और मौजूदा असम राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया राज्यपाल बनने के बाद से चार महीने में चार बार उदयपुर आए। वह बीजेपी और आरएसएस से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने 22 फरवरी को असम के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। तब से अब तक हुए उदयपुर के दौरों में सिर्फ उदयपुर एयरपोर्ट तक ही उनका प्रोटोकॉल नजर आया। इसके बाद के सभी कार्यक्रम और प्रेस नोट बीजेपी ने ही जारी किए।