लीगल इमिग्रेशन में बदलाव, बिना डिग्री वालों के लिए स्किल्ड वीजा बंद
हर देश में जब आप कामकाज करने जाते हैं तो उस के कुछ नियम होते हैं. हालांकि, अब इंग्लैंड में कामकाज के नियम बदल गए हैं, ब्रिटेन सरकार ने सोमवार को लीगल इमिग्रेशन को प्रतिबंधित करने के लिए कई बदलाव किए हैं, जिसका भारतीय नागरिकों पर भी काफी असर पड़ने वाला है. अब ब्रिटेन में 5 साल गुजारने के बाद आप वहां की नागरिकता हासिल नहीं कर सकते बल्कि नागरिकता हासिल करने के लिए अब देश में 10 साल गुजारने होंगे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने अपने इमिग्रेशन व्हाइट पेपर की घोषणा करते हुए कहा कि ब्रिटेन अजनबियों का आईलैंड बनने का जोखिम उठा रहा है और इमिग्रेशन के विस्फोट ने “हमारे देश को जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी गणना नहीं की जा सकती. इसी के चलते अब बदलाव किए गए हैं. हालांकि, इमिग्रेशन में किए गए बदलाव से साफ अंदाजा किया जा सकता है कि इन बदलाव का मकसद देश में विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या को कम करना है. इसी के तहत कई कदम उठाए गए हैं.
इमिग्रेशन में किए गए बदलाव
12 मई, 2025 को इमिग्रेशन व्हाइट पेपर पेश किया गया. इससे साफ पता चलता है कि सरकार विदेशियों के लिए देश में एंट्री को मुश्किल बनाने का प्लान बना रही है. सिस्टम के हर हिस्से को कड़ा किया जा रहा है. नागरिकता हासिल करने से लेकर ग्रेजुएशन के बाद देश में काम करने तक को मुश्किल कर दिया गया है और पीरियड में चेंज कर दिए गए हैं.
पेपर में बताया गया है कि हाल के सालों में देश में गैर-यूरोपीय संघ के नागरिकों के कम-कुशल प्रवासन में बढ़ोतरी हुई है और कम-रैंक वाले यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट की तादाद में भी बढ़ोतरी हुई है. इसमें कहा गया है कि देश चाहता है कि वो ब्रिटेन के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दें और देश में विदेशी भर्ती को कम किया जाए.
क्या बदलाव हुए
ब्रिटेन की नागरिकता अब इतनी आसानी से नहीं मिलेगी, नागरिकता हासिल करने के लिए अब देश में 5 नहीं बल्कि 10 साल गुजारने होंगे.
कुशल श्रमिक वीजा उन्हें ही मिलेगा जिनके पास डिग्री होगी.
ग्रेजुएशन वीजा में भी बड़ा बदलाव किया गया है. ग्रेजुएशन वीजा के तहत छात्र ग्रेजुएशन करने के बाद काम के लिए देश में 2 साल गुजार कर सकते थे, लेकिन अब इस समय को 18 महीने कर दिया गया है.
स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा में भी बड़ा बदलाव किया गया है. इस वीजा को समाप्त कर दिया गया है.
कई चीजें हुई सख्त
ब्रिटेन में अब से सिर्फ डिग्री वाले लोग ही कुशल श्रमिक वीजा (Skilled Worker) के लिए पात्र होंगे. वहीं दूसरी तरफ ग्रेजुएशन वीजा जो छात्रों को देश में ग्रेजुएशन होने के बाद काम करने की इजाजत देता है, उसे 2 साल से घटाकर 18 महीने कर दिया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा, जो विदेशी नागरिकों को देखभाल क्षेत्र में काम करने की अनुमति देता है उसको समाप्त किया जाएगा.
विदेशी नागरिक तब तक बसने या नागरिकता के लिए पात्र नहीं होंगे जब तक कि वो ब्रिटेन में 10 साल से नहीं रह चुके हों और सभी वीजा रूट पर अंग्रेजी भाषा की सख्त नई जरूरतें होंगी. यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, अगर आप यूके में रहना चाहते हैं, तो आपको इंग्लिश बोलनी चाहिए. यह तो कॉमन सेंस है.
स्किल्ड वरकर्स को स्पोनसर करने वाले नियोक्ताओं पर लगाए जाने वाले आप्रवासन कौशल शुल्क में 32% की बढ़ोतरी की जाएगी. इससे स्किल्ड वरकर्स को नियुक्त करने में गिरावट दर्ज की जा सकती है. साथ ही सभी कुशल श्रमिक वीजा के लिए वेतन सीमा में बढ़ोतरी की जाएगी.
स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा समाप्त
यूके होम ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन के देखभाल क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए साल 2023 में लगभग 1,40,000 स्वास्थ्य और देखभाल वीजा जारी किए गए थे. इनमें से 39,000 भारतीय नागरिकों को दिए गए थे.
सरकार ने 12 मई, 2025 को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, विदेशों से आए देखभाल कर्मियों ने ब्रिटेन में सोशल केयर में बहुत बड़ा योगदान दिया है, लेकिन इन में से बहुत से लोगों को दुर्व्यवहार और शोषण का शिकार होना पड़ा है. इसी के चलते देश में बढ़ रहे देखभाल कर्मियों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए भी अब इस वीजा को समाप्त कर दिया गया है.
किन लोगों के लिए खतरा?
पिछले साल भारतीयों को सबसे अधिक संख्या में कुशल और स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा दिए गए (health and care worker visas), और दूसरे सबसे अधिक संख्या में स्टडी वीजा दिए गए. भारत के बाद, यूके में सबसे अधिक कुशल श्रमिक वीजा देने वाली शीर्ष पांच गैर-यूरोपीय संघ की राष्ट्रीयताएं नाइजीरिया, चीन, पाकिस्तान, जिम्बाब्वे और अन्य हैं।
कौन लोग नहीं होंगे प्रभावित?
हालांकि, इन बदलाव के आने के बाद भी जो लोग पहले से ही स्किल्ड वीजा पर काम कर रहे हैं वो इससे तब तक प्रभावित नहीं होंगे जब तक वो अपना रूट स्विच नहीं करते हैं. यूके सिर्फ 2028 तक स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा पर देश में पहले से मौजूद लोगों के लिए वीजा विस्तार और इन-कंट्री स्विचिंग की इजाजत देगा. व्हाइट पेपर ने विदेशों से भर्ती करने वाली देखभाल कंपनियों के श्रमिकों के शोषण और दुर्व्यवहार पर रूट बंद करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, हमने छात्र वीजा का दुरुपयोग और शोषण देखा है, जहां पढ़ाई पूरी करने के इरादे के बिना यूके में रहने और काम करने के लिए वीजा का इस्तेमाल सिर्फ एंट्री गेट के रूप में किया जाता है और अपने सिलेबस के अंत में छात्रों की ओर से शरण के दावों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इसके अलावा, बहुत से ग्रेजुएट लोगों को अपनी पढ़ाई के पूरे होने के बाद यूके में रहने की इजाजत दी गई है, वो ग्रेजुएशन लेवल रोल में नहीं जा रहे हैं जिसके लिए ग्रेजुएशन वीजा रूट बनाया गया था.
पेपर में कहा गया है कि यूके इसके बजाय अपने उच्च प्रतिभा वाले मार्गों जैसे ग्लोबल टैलेंट वीज़ा और हाई पोटेंशियल इंडिविजुअल रूट पर अधिक लोगों को आकर्षित करना चाहता है.
यूके में कितने भारतीय छात्र?
भारतीय विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक यूके में 369000 एनआरआई रहते हैं. वहीं, भारतीय मूल के 1495318 लोग रहते हैं. यूके में कुल 1864318 भारतीय रहते हैं. वहीं, छात्रों की संख्या की बात करें तो शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में साल 2024 में दिसंबर में बताया था कि यूके में 136,921 छात्र पढ़ने के लिए जाते हैं.