जयपुर।राजस्थान के सीकर में कोरोना संक्रमण की दर 10 फीसदी तक पहुंच गई। यहां 2 जनवरी को पॉजिटिविटी रेट 0.50 फीसदी से भी कम थी, जो 3 जनवरी तक दो अंकों में हो गई। इसी तरह जयपुर में भी संक्रमण दर 3.45 से बढ़कर 7.37 फीसदी हो गई। नए केस के साथ ही एक्टिव मरीज भी 6 गुना तक बढ़ गए। राज्य में सात दिन पहले 27 दिसंबर तक एक्टिव केस 354 थे, जो बढ़कर अब 2084 हो गए।

पूरे प्रदेश की बात करें तो संक्रमण दर 4 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है। WHO के मानक के मुताबिक 3% से अधिक का पॉजिटिविटी रेट चिंताजनक है। ऐसे शहरों या प्रदेश में कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा पैदा हो जाता है। यहीं नहीं, 76 फीसदी यानी 10 में से करीब 8 एक्टिव मरीज सिर्फ जयपुर और जोधपुर से हैं।

जयपुर, जोधपुर के बाद अब कोटा, अलवर, प्रतापगढ़, सिरोही, अजमेर, बीकानेर, सीकर और अलवर में कोरोना तेजी से फैलने लगा है। 3 जनवरी की रिपोर्ट देखें तो राज्य के 33 जिलों में से 10 में संक्रमण की दर 1 फीसदी से ऊपर रही। इनमें 7 जिले ऐसे है जिनमें संक्रमण दर 3 फीसदी या उससे ऊपर रही। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक किसी शहर में संक्रमण की दर अगर 3 फीसदी पहुंचती है तो यह खतरनाक संकेत होते हैं।

76 फीसदी एक्टिव केस 2 शहरों में
राज्य में जैसे-जैसे केस बढ़ रहे हैं एक्टिव केसों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में जितने भी एक्टिव केस हैं, उसके 76 फीसदी केवल दो शहर जयपुर और जोधपुर में हैं। जयपुर में सबसे ज्यादा 1409 हैं, जो कुल केसों का लगभग 67.6 फीसदी है, जबकि जोधपुर में 179 जो कुल केसों का 8.6 फीसदी है।

ओमिक्रॉन के केसों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी
जयपुर समेत अन्य शहरों में केस बढ़ रहे हैं उसके पीछे ओमिक्रॉन वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में बताया था कि जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज देश का एकमात्र मेडिकल कॉलेज है जहां जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच हो रही है।

उन्होंने कहा कि यहां पिछले एक सप्ताह में जो जीनोम सिक्वेंसिंग की जांचें हुईं, उसमें 50 फीसदी से ज्यादा केस ओमिक्रॉन के निकले है, जबकि एक-डेढ़ सप्ताह पहले तक ओमिक्रॉन केसों की संख्या 12-14 फीसदी के बीच थी। इससे पता चलता है कि अब डेल्टा या डेल्टा लाइक वैरिएंट के केस जो 70 फीसदी से ज्यादा लोगों में मिलता था, वह कम होने लगा है।