जयपुर. राजस्थान में कोरोना (Corona) के लगातार बढ़ते केसेज ने खतरे का अलार्म बजा दिया है. कोरोनो का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) लगातार राजस्थान में अपनी जड़ें जमाता जा रहा है. उसके बाद अब राजस्थान में पाबंदियां (Restrictions) बढ़ाई जा सकती हैं. कोरोना को लेकर सीएम अशोक गहलोत आज राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों और धर्म गुरुओं के साथ बैठक करेंगे. उसके बाद राज्य सरकार पांबदियों को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर सकती है. इसमें सख्त फैसले लेते हुये पाबंदियों का दायरा बढ़ाये जाने की संभावना है.

सरकार इससे पहले 31 जनवरी तक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने की चेतावनी दे चुकी है. 31 जनवरी तक ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ फिर सख्त एक्शन लिया जायेगा और उन्हें कड़ी पाबंदियां झेलनी पड़ सकती है. आज शाम साढ़े चार बजे होनी वाली बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिये सुझाव लेंगे. सुझावों के बाद सरकार उन पर अंतिम निर्णय लेगी. मीडिया से बातचीत में सीएम गहलोत कहा कि बैठक में तमाम पॉलिटिकल पार्टी के नेताओं को बुलाया गया है. इस बैठक में कई लोग वीसी के जरिए जुड़ेंगे.

आने वाले समय में कड़े निर्णय लिये जायेंगे
सीएम गहलोत ने कहा कि शादी समारोह में 200 व्यक्तियों के एंट्री और अंतिम संस्कार में 20 लोगों को परमिशन मिलेगी. सीएम ने कहा कि कई राज्यों में जिन सरकारी कर्मचारियों ने वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली है उन पर पाबंदी लगाई गई है. राजस्थान सरकार भी आने वाले वक्त में इस तरह के निर्णय पर विचार करेगी.

पहले भी सभी को साथ रखकर राजस्थान के हित में फैसले लिये थे
कोरोना और इसके नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे पर सीएम गहलोत ने कहा कि हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. मंदिरों को लेकर धर्मगुरुओ से राय ली जायेगी. कोरोना के बढ़ते खतरे को टालने पर सभी से सुझाव लिये जायेंगे. हमने पहले भी सभी को साथ रखकर राजस्थान के हित में फैसले लिये थे. आगे भी ऐसा ही करेंगे.

29 दिसंबर को नई गाइडलाइन जारी की थी
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में भी कोरोना केसेज देश के अन्य राज्यों की तरह तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. राजस्थान में ओमिक्रॉन के केसेज भी बेहताश बढ़ रहे हैं. कोरोना के फिर संक्रमण को देखते हुये ही राज्य सरकार ने हाल ही में 29 दिसंबर को नई गाइडलाइन जारी की थी. उसमें प्रारंभिक तौर पर फिर से कुछ पाबंदिया लगाई गई हैं. लेकिन उसके बावजूद कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुये गहलोत सरकार फिर से कड़े पाबंदिया लगा सकती है.