भोपाल| मध्यप्रदेश में हरियाली बढ़ाने के प्रयास जारी है और वृक्षारोपण के लिए अंकुर कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। राज्य में हरियाली में बढ़ोतरी हो इसके लिए सरकार ने जिलों की रैंकिंग करने का फैसला लिया है।

वही गंगा नदी की तर्ज पर नर्मदा नदी के जल प्रदूषण की भी जांच होगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यावरण विभाग की समीक्षा करते हुए कहा है कि पौध-रोपण कर हरियाली बढ़ाने वाले जिलों की रैंकिंग हो और हर वर्ष विश्लेषण के बाद इसके परिणाम घोषित करें। सर्वाधिक पौध-रोपण वाले जिलों को प्रोत्साहित और सबसे कम पौध-रोपण वाले जिलों को पौध-रोपण के लिये प्रेरित किया जाए । रैंकिंग की शुरूआत शहरों से कर जिलों में विस्तार करें। इससे पर्यावरण संतुलन और जलवायु परिवर्तन के उद्देश्यों की पूर्ति में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

मुख्यमंत्री पर्यावरण विभाग की समीक्षा के द्वारा मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अंकुर कार्यक्रम को जन-आंदोलन बनायें। इसे जन-अभियान परिषद से भी जोड़ें।

राज्य के पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि अंकुर कार्यक्रम में प्रदेश में अब तक 5 लाख 23 हजार पौध-रोपण हुआ है। जिले अपने लक्ष्य निर्धारित कर पौध-रोपण को बढ़ावा दे रहे हैं।

गंगा नदी की तरह नर्मदा नदी के जल प्रदूषण स्तर की जांच के लिये 6 स्टेशन, इंदौर में बहने वाली खान नदी और उज्जैन की क्षिप्रा नदी के लिये दो-दो स्टेशन स्थापित किये जा रहे हैं। नर्मदा जल-स्तर की जाँच के लिये यह स्टेशन अमरकंटक, डिण्डोरी, जबलपुर में भेड़ाघाट के आगे, होशंगाबाद, ओंकारेश्वर और धर्मपुरी में स्थापित होंगे।