जयपुर । स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) सोसायटी की कार्यकारी परिषद की प्रथम बैठक का आयोजन शासन सचिवालय स्थित एसएसओ भवन के सभागार में कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में हुआ। बैठक मेें स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण मनरेगा एवं राजीविका के आपसी समन्वय एवं कन्वर्जेंस से गोबरधन योजना में गोबरगैस के प्लांट का मॉडल बनाए जाने का निर्णय एवं राजीविका के विलेज गु्रप के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण कार्य के मॉडल का जीवन्त प्रशिक्षण दिए जाने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा एवं विचार-विमर्श हुआ। 
अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि पूर्व में गोपालन विभाग द्वारा बनवाए गए कई गोबरगैस प्लांट आज भी सफलता से चल रहे हैं। फील्ड विजिट के जरिए ऐसे किसी सफल प्लांट का अवलोकन करवाकर ग्रामीणों को इस योजना के लिए प्रेरित किया जा सकता है। पंचायती राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि गोबरधन योजना की सफलता के लिए डेयरी के बजाय गांव के आम पशुपालकों को जोडऩा अधिक आवश्यक है। ग्रामीण विकास विभाग की शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल ने छत्तीसगढ का उदाहरण देते हुए कहा कि अधिक पशु संख्या वाले जिलों में कार्यरत सीएलएफ एवं प्रोड्यूसर गु्रप के माध्यम से इस योजना में एसबीएम और मनरेगा के सहयोग से काम किया जा सकता है। साथ ही प्लांट का निर्माण करने वाले ग्रामीणों में गैस वितरण का फार्मूला तय कर मॉडल को वायबल बनाया जा सकता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेशभर में एसबीएम के अन्तर्गत बनाए गए सामुदायिक स्वच्छता परिसरों को जिम्मेदारी तय कर उपयोग में लिया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए इनकी नियमित मॉनिटरिंग का सिस्टम बनाया जाना चाहिए।