दो बार से भाजपा के कब्जे वाली आंवला सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। अधिकांश क्षेत्रों में सपा से सीधी लड़ाई है। बसपा भी चुनाव मैदान में है, लेकिन मंगलवार को मतदान के दौरान हाथी की चाल कई जगह सुस्त नजर आई। मुस्लिम मतदाता कई केंद्रों पर सपा के पक्ष में खड़े दिखे, जबकि बसपा प्रत्याशी मुस्लिम होने के बावजूद उन्हें अपनी ओर अपेक्षानुरूप रिझा नहीं सके। 

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जातियों में बंटवारा भी चुनावी मैदान में साफ दिखा। इस सीट के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में लोकतंत्र के उत्सव को लेकर उत्साह भी विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग था। मौसम के तेवरों को देखते हुए कई क्षेत्रों में सुबह ही मतदाता वोट डालने पहुंच गए थे। महिलाएं भी बराबर से हिस्सेदारी करती नजर आईं। 

आंवला लोकसभा सीट पर कुल 57.08 फीसदी वोट पड़े। इसमें सर्वाधिक 59.66 फीसदी मतदान फरीदपुर सीट पर हुआ। वहीं बिथरी चैनपुर में 59.53, आंवला में 58.59, शेखूपुर में 54.71 और दातागंज में 53.71 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। 

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भाजपा प्रत्याशी के रूप में यहां से दो बार से सांसद धर्मेंद्र कश्यप इस बार भी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन सपा के नीरज मौर्य उन्हें हर मोर्चे पर टक्कर देते नजर आए। बसपा प्रत्याशी आबिद अली के कई केंद्रों पर समर्थक ही मुख्य धारा में नहीं दिखे।

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फरीदपुर के सरस्वती शिशु मंदिर व सरस्वती विद्या मंदिर केंद्रों में मिश्रित आबादी मतदान के लिए जुटी थी और सपा-भाजपा के लिए ज्यादा वोट पड़ रहे थे। चुनाव में मुकाबले की बात पर केंद्र के बाहर मौजूद इमरान ने कहा कि यहां जातीय समीकरण हावी हैं और मुस्लिम, यादव, मौर्य मतदाता इस बार परिणाम पलटेेंगे। फरीदपुर के छंगामल इंटर कॉलेज केंद्र में भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सुबह करीब 10 बजे ज्यादा थी। केंद्र के बाहर वोट डालने जा रहे मतदाताओं के मोबाइल फोन जमा कर रहे इल्तुतमिस ने कहा कि मुकाबले में बसपा कहीं नहीं है। मुस्लिम प्रत्याशी होने के बावजूद उन्हें मुसलमानों ने ही वोट नहीं दिया। यहां भी कमल व साइकिल के बटन ज्यादा दबने की बात कही गई।  बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के जवाहर इंटर कॉलेज केंद्र, ठिरिया पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे बूथों पर मुस्लिम महिलाओं की कतार थी। बाहर भी मुस्लिम मतदाताओं की भीड़ थी और सपा का पलड़ा भारी नजर आया। इसी क्षेत्र के बिशारतगंज में प्राथमिक विद्यालय प्रथम केंद्र की गली में बाहर तक मतदाताओं की लाइन लगी थी। यहां मिश्रित वोटिंग नजर आई। बाहर मौजूद धर्मेंद्र वाल्मीकि ने कहा कि यहां कमल व साइकिल में ही लड़ाई है। कोई किसी से कम नहीं। बिशारतगंज के ही प्राथमिक विद्यालय मझगवां केंद्र के बाहर दुकान पर बैठे संजू ने पहले अनजान बनने के बाद सपा-भाजपा का मुकाबला बताया। भमौरा चौराहा ऐसा स्थान रहा था, जहां पर लोगों ने मुकाबला त्रिकोणीय होने की बात कही। ओमप्रकाश वाल्मीकि ने कहा कि चुनाव में बसपा भी लड़ रही है। हालांकि उन्होंने कमल को मजबूत बताया, लेकिन क्षेत्र में विकास की स्थिति से संतुष्ट नजर नहीं आए। आंवला विधानसभा का रामनगर गांव यादव बहुल है। यहां के मतदान केंद्र के बाहर मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि...भैय्या यहां वोट तो साइकिल का है, लेकिन एक क्षेत्रीय नेता के दखल के कारण कमल में भी वोट गिर रहे हैं। यहां कुछ मतदाताओं ने बड़ों के आगे छोटे लोगों की सुनवाई न होने की बात कही। आंवला कस्बे के केंद्र में दोपहर में मुस्लिम मतदाताओं का रुझान मतदान में अधिक नजर आया।

 

अगड़ी जातियों में दिखे विरोध के स्वर
फरीदपुर के सिमरा बोरीपुर गांव के लिए मुख्य मार्ग से जाने वाले माेड़ पर मौजूद लोगों ने इस चुनाव में प्रत्याशी के व्यवहार पर वोट दिए जाने की बात कही। क्षत्रिय बहुल इस क्षेत्र के लोगों ने कहा कि अगड़ी जातियों से सांसद का व्यवहार ठीक न रहने के चलते उनका मन खिन्न है। उन्होंने इसका असर चुनाव में भी नजर आने की बात कही। फरीदपुर में ही कुछ केंद्रों पर ब्राह्मण वोट भी किसी एक दल में न जाने की बात सामने आई। यहां सांसद के एक हालिया बयान पर लोग प्रतिक्रिया देते नजर आए।

 

सांसद के गांव में भी हिंदू-मुस्लिम मुद्दा
आंवला सीट के सांसद व भाजपा से प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप के गांव कांधरपुर में तपती दुपहरी में भी चुनावी पारा चढ़ा हुआ था। यहां मंदिर के पास स्थित सरकारी विद्यालय के केंद्र में सपा, भाजपा दोनों खेमे के समर्थक अधिक से अधिक वोटिंग कराने की जुगत में दिखे। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की जुटान भी केंद्र से निर्धारित दूरी पर थी। मंदिर के द्वार पर खड़े इरफान ने कहा कि यह सांसद का गांव जरूर है, लेकिन मुकाबला सपा से है। चुनाव में मुद्दों के सवाल पर वह बोले कि हिंदू-मुस्लिम के अलावा कोई मुद्दा नहीं। पीएम खुद इस मुद्दे को उठा रहे हैं तो कैसे ये मुद्दा नहीं होगा। यहीं केंद्र से निकल रहे शिवम मौर्य, हरश्याम ने कहा कि मुद्दा विकास भी है। सांसद के क्षेत्र में भी ये मुद्दा है।

 

वोट को लेकर मौन रहे कई जगह मतदाता
फरीदपुर, बिथरी व आंवला के कई केंद्रों पर ऐसे मतदाता भी मिले जो वोट तो डालकर आ रहे थे, लेकिन किसे वोट डाला? किन मुद्दों पर डाला? किसकी जीत-हार देख रहे हैं? इन सवालों पर मौन रहे। नाम बताने से भी कतराते नजर आए और कहा कि, ये हमारा व्यक्तिगत मामला है। इसमें हिंदू मतदाता बड़ी संख्या में शामिल था। परिणाम पर उनकी ये चुप्पी भी असर डाल सकती है। वहीं शाहजहांपुर में विधायक रहने के दौरान सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य पर लगे जातिगत राजनीति के आरोपों का मुद्दा भी कुछ जगह उठा। फरीदपुर में बरेली के सांसद संतोष गंगवार का टिकट कटने से की नाराजगी भी कुुछ बिरादरी के मतदाताओं ने जताई और आंवला में भी परिणाम पर असर पड़ने की बात कही।