जयपुर । हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे और सार्वजनिक रास्तों पर चारा वाहनों की पार्किंग पर रोक लगा दी है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस आशुतोष मिश्रा की बेंच ने यह रोक रामेश्वर प्रसाद व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई। साथ ही चारागाह भूमि पर पार्किंग टैंडर देने पर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चौमूं तहसील की ग्राम पंचायत हाड़ौता ने नेशनल हाईवे-52 से लगती हुई सार्वजनिक भूमि, चारागाह भूमि, सर्विस लेन और सड़क पर अवैध रूप से चारामंडी बनाने और राज्य के बाहर से आने वाले भारी चारा वाहनों की पार्किंग के लिए 25 जुलाई को टैंडर जारी कर दिया है। इसके कारण चौमूं से वीर हनुमान सामोद जाने वाले मार्ग सहित अन्य सार्वजनिक रास्तों पर यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। भारी चारा वाहनों की पार्किंग से स्थानीय निवासियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि ग्राम पंचायत हाड़ौता की सरपंच केसरी देवी, पंचायत सचिव, विकास अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने ठेकेदार लालचंद यादव के साथ मिलीभगत कर चारागाह और सार्वजनिक भूमि पर हेराफेरी और बिना कानूनी प्रक्रिया के ही पार्किंग का टैंडर जारी करवा लिया गया। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव गृह विभाग, प्रमुख शासन सचिव पंचायत राज विभाग, प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग, जिला कलक्टर जयपुर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जयपुर, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) जयपुर, पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) जयपुर महानगर, थानाधिकारी चौमूं, उपखंड अधिकारी चौमूं, तहसीलदार चौमूं, प्रधान पंचायत समिति गोविंदगढ़, विकास अधिकारी पंचायत समिति गोविंदगढ़, सरपंच ग्राम पंचायत हाड़ौता, ग्राम सचिव हाड़ौता, और ठेकेदार लालचंद यादव को नोटिस जारी कर 16 दिसंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक सड़कों, हाईवे, और आम रास्तों पर भारी वाहनों की अवैध पार्किंग तुरंत प्रभाव से रोकी जाए।