जनता को प्रलोभन देकर सत्ता हासिल करना चिंताजनक-देवनानी

जयपुर. नेहरू युवा केंद्र और विकसित भारत युवा संसद के तहत विधानसभा में प्रदेश भर से चयनित 140 युवाओं ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग लिया युवाओं ने वर्तमान राजनीति और कई अन्य मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी. युवा संसद को संबोधित करते हुए विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि युवाओं को राजनीति में भाग लेना चाहिए, लेकिन राजनीति नहीं करनी चाहिए. किसी भी तरह से सामने वाले को गिराकर आगे बढ़ने की राजनीति अविश्वास पैदा करती है
उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे, तब विपक्ष में तीन ही लोग थे, जिनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे. उस समय पंडित नेहरू और सभी सत्ताधारी पार्टी के सदस्य विपक्षी नेताओं को गंभीरता के साथ सुनते थे और उनके सुझावों को अपनी पॉलिसी में शामिल करते थे, लेकिन धीरे-धीरे इसमें गिरावट आती जा रही है. आज देशभर की विधानसभाओं और संसद की स्थिति देखता हूं तो मन को पीड़ा होती है. सदन की कार्यवाही यूट्यूब चैनलों पर लाइव होती है, युवा इन्हें देखते हैं तो सवाल करते हैं कि ये वही हैं, जिन्हें हमने चुनकर भेजा है? विधानसभा स्पीकर ने कहा कि आज विश्व भर में अविश्वास पैदा हो रहा है, जनता के बीच भ्रम फैलाकर और प्रलोभन देकर चुनाव जीतना और सत्ता हासिल करना चिंताजनक है। युवाओं को इस बारे में सोचना चाहिए. कई बार देखने में आता है कि अधिकतम मतदान 60 से 65 और 70 फीसदी के आसपास ही रहता है. इससे पता चलता है कि 30 फीसदी जनता आज भी वोट नहीं करती है. उन्होंने बताया कि जब वो शिक्षा मंत्री थे तब एक मीटिंग में भाग लेने गए थे. तब उन्होंने वहां बैठे लोगों से पूछा कि कितने लोग हैं जिन्होंने कभी मतदान नहीं किया. हैरत की बात यह थी कि उस मीटिंग में 30 लोग मौजूद थे, जिनमें से 11 लोगों ने कभी भी मतदान नहीं किया था. इनमें सब अच्छे पढ़े लिखे लोग थे. विधानसभा स्पीकर ने कहा कि कोई यह कहे कि भारत में लोकतंत्र नया है लेकिन लोकतंत्र तो वैदिक काल से ही चला आ रहा है, राज्यसभा, धर्म सभा, सब पहले से ही है.भारत में तो घरों में ही लोकतंत्र है,भले ही वोटिंग नहीं होती हो, घर में भी सबके विचार आपस में नहीं मिलते लेकिन सब एक दूसरे के विचारों का सम्मान करते हैं। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने युवा संसद को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में पहुंचने के लिए हमें पता नहीं कितनी मेहनत करनी होती है. क्या-क्या षड्यंत्र करते हैं, तब जाकर यहां तक पहुंचते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अलवर से सांसद भवन जितेंद्र सिंह जब केंद्र में युवा मामलों के मंत्री थे, तब मुझे भी युवा प्रतिनिधि मंडल के तौर पर चीन जाने का मौका मिला था. वहां के युवा क्या सोचते हैं उन सबके विचारों का आदान-प्रदान हुआ तो एक अलग ही बात निकल कर सामने आई. ज्यादातर घरों के लोग अपने बच्चों को कहते हैं कि राजनीति से दूर रहो. राजनीति में मत पड़ो. मां-बाप अपने बच्चों को आईएएस या इंजीनियर बनाना चाहते हैं. आपकी दिनचर्या, आपका रहन-सहन, खानपान, पहनावा, टीवी, फ्रिज, लैपटॉप, कंप्यूटर सब पर जो टैक्स लगता है, उसे राजनीति ही तय करती है. फिर राजनीति में हमारी भागीदारी क्यों नहीं होनी चाहिए? पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 18 साल के युवाओं को वोट देने का अधिकार दिया. कंप्यूटर क्रांति इस देश में राजीव गांधी लेकर आए थे।