जयपुर |  गहलोत सरकार ने 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को और सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने चिकित्सा एवं दवा के लिए वित्तीय सीमा 20 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है। राजस्थान राज्य पेंशनर्स चिकित्सा रियायती योजना के तहत अब आउटडोर चिकित्सा और दवा के लिए पेंशनर्स को 20 से अधिक की राशि मिल सकेगी। यह छूट 28 फरवरी तक प्रदान की गई है। इस संबंध में राज्य के वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। वित्त विभाग के आदेस के अनुसार पेंशनर्स को प्रतिवर्ष आउटडोर चिकित्सा एवं दवा के लिए 20 हजार रपये तक दिए जाने का प्रावधान है। इसमें संशोधन करते हुए वित्त विभाग ने इस लिमिट को 10 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है। इस वित्तीय सीमा को बढ़ाने के लिए राज्य के वित्त विभाग ने लिमिट के हिसाब से अधिकारियों और विभाग को अधिकृत किया है। सरकार ने लिमिट बढ़ोतरी का निर्णय अधिकृत किए गए अधिकारी करेंगे। वित्त विभाग के आदेश के अनुसार  आरजीएचएस के तहत एक जनवरी 2004 को और उसके बाद नियुक्त पेंशनभोगियों और कर्मचारियों के लिए बाहरी उपचार के लिए यह सुविधा प्रदान की गई है।

पेंशनभोगी लंबे समय से कर रहे थे मांग

राजस्थान के पेंशनभोगी राज्य सरकार से लंबे समय से मांग कर रहे थे। राज्य पेंशनर्स समाज के प्रदेश अध्यक्ष शंकर सिंह मनोहर ने गहलोत सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया गै। शंकर सिंह मनोहर ने बताया कि 1 जनवरी 2004 से नियुक्त पहले कर्मचारियों को यह सुविधा पहले से ही मिली हुई थी। प्रदेश में 4 लाख 70 हजार पेंशनभोगियों को सरकार की छूट मिल रही थी। लेकिन अब 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को भी इनडोर उपचार के लिए 10 लाख रुपये तक की लिमिट करने का फायदा मिलेगा। सरकार ने अब छूट बढ़ाकर पेंशनभोगियों को राहत प्रदान की है।