राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत  ने पिछले साल अपने बजट भाषण के दौरान कोविड-19  के विशेष राहत पैकेज के रूप में इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना की घोषणा की थी | इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स, सेवा क्षेत्र के युवाओं, बेरोजगारों और स्वरोजगार के लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था करने की बात कही गई थी | विधानसभा में हाल ही में एक सरकारी जवाब से पता चला है कि इस साल 3 फरवरी तक, सरकार को इस योजना के तहत 2 |40 लाख आवेदन प्राप्त हुए, और केवल 4,566 (या 1.82%) को ही ऋण दिया गया है | हालांकि सरकार ने इसका लक्ष्य 31 मार्च, 2022 तक 50,000 से 5 लाख लोगों को ऋण देने का रखा था | इस योजना के तहत सरकार पूरी ब्याज राशि का भुगतान कर रही थी | आवेदन के 25 दिनों के भीतर स्वीकृति दी जानी थी |

ये सरकारी जवाब कांग्रेस विधायक मीना कंवर द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में आया है | पिछले साल अगस्त में वित्त विभाग द्वारा योजना की घोषणा करने वाले सर्कुलर में कहा गया था कि कोविड -19 महामारी के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा जैसे विकल्प उपलब्ध हैं | IGSCCY को शहरी क्षेत्रों में रोजगार / स्वरोजगार उपलब्ध कराने और दैनिक जीवन की जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लागू किया जा रहा है |इस योजना के तहत लक्षित समूहों में स्ट्रीट वेंडर के साथ-साथ अनौपचारिक क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले अन्य लोग जैसे हेयरड्रेसर, रिक्शा ऑपरेटर, कुम्हार, मोची, दर्जी, पेंटर, प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन शामिल थे