इंदौर ।   खुड़ैल थाना क्षेत्र के ग्राम कंपेल में रविवार को घर के बाहर खेल रही मासूम (बच्ची) को कोई अज्ञात व्यक्ति उठा ले गया था, जो अगले दिन सोमवार सुबह 9.30 बजे उदय नगर थाना क्षेत्र स्थित नाचनबोर के जंगल में मिली। बच्ची मिलने पर स्वजन और ग्रामीणों ने पूरे गांव में जश्न मनाया और पुलिसकर्मियों का स्वागत किया। पुलिस जांच में बच्ची को थाने पहुंचाने वाला ही आरोपित निकला, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। स्वजन ने बताया कि रविवार दोपहर करीब 12.30 बजे घर के बाहर ओटले पर डेढ़ वर्षीय जिनिशा चौधरी खेल रही थी, उसकी मां पास में ही थी। इसी बीच किसी काम से वह अंदर चली गई। जब 15 मिनट बाद बाहर आई तो जिनिशा वहां नहीं थी। इसके बाद उसे आसपास तलाश गया और रितेश्दारों से उसके बारे में पूछताछ की, लेकिन उसका पूरे गांव में पता नहीं चला। पूरा परिवार समेत मोहल्ले में हड़कंप मच गया। बदहवास मां घर-घर जाकर अपनी बच्ची को ढूंढती रही।

स्वजन और पुलिस रातभर खोजते रहे

इधर, स्वजन ने तुरंत कंपेल चौकी पुलिस को सूचना दी। पुलिस कर्मचारी भी बिना कुछ देरी किए जिनिशा की खोज में जुट गए। ग्रामीण, स्वजन और पुलिस कर्मचारी पूरे दिन और रातभर बच्ची को तलाशते रहे। सुबह 25 वर्षीय राकेश भिलाला निवासी देवनलिया जिला देवास ने बच्ची उदय नगर थाने पर सौंपी, उसका कहना था कि बच्ची नाचनबोर के जंगल में उसे मिली थी। इधर, इसके पहले ग्रामीण एसपी भगवत प्रसाद बिरदे भी सुबह 8 बजे गांव में पहुंच गए। थाना प्रभारी अजय गुर्जर के अनुसार, सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस ने आसपास के थानों पर बच्ची के फोटो भिजवा दिए थे। इसके बाद सभी जगहों पर उसकी तलाश शुरू की। गांव में पन्नी बिनने वाले लोगों से भी पूछताछ की थी। इसी बीच बच्ची को ढूंढकर स्वजन के सुपुर्द किया है। बच्ची को कोई चोट नहीं आई है। मेडिकल भी करवा लिया है। इधर, पुलिस ने अपनी जांच शुरू करते आसपास के लोगों समेत संदिग्धों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो चौंकाने वाली बात सामने आई। जो व्यक्ति थाने पर बच्ची को लेकर आया था वही आरोपित निकला। पुलिस आरोपित राकेश भिलाला से पूछताछ कर रही है कि बच्ची का अपहरण क्यों किया था।

रातभर दरवाजे पर बैठकर राह देखती रही मां

बच्ची की मां रातभर दरवाजे पर बैठकर उसकी राह देखती रही। जो भी घर पर आता उससे बच्ची के बारे में ही पूछ रही थी। सुबह जैसे ही बच्ची के मिलने की सूचना मिली तो चेहरे पर खुशियां लौट आई। खुशी के बाद सबसे पहले वह घर में बने मंदिर के सामने गई और भगवान को धन्यवाद दिया।