एक प्रोग्रामर या कोडर अपने जीवन का बेस्ट कोड एक ही बार लिख पाता है यही आईटी इंडस्ट्री की सबसे बड़ी दिक्कत है। एक बार कोई कोड लिख लिया जाता है तो उसके बाद उसे लिखने वाला कर्मचारी तकनीकी तौर पर कंपनी के काम के नहीं रह जाते हैं।

ट्विटर के बाद मेटा और अब अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों में छंटनी कॉरपोरेट जगत की सुर्खियां बनी हुई है। फेसबुक ने बीते बुधवार को अपने कार्यबल में करीब दस प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल दिया है। कंपनी इसे खर्च घटाने की कवायद बता रही है और यह परिस्थिति विज्ञापन से होने वाली आमदनी में आई गिरावट के कारण है। सितंबर महीने में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कर्मचारियों को कहा था कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी कर्मचारियों की छंटनी के जरिए अपने भविष्य की योजनाओं में बदलाव करने जा रही है। बता दें कि मेटा के पास इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का भी स्वामित्व है। फेसबुक में करीब 87,000 कर्मचारी है, जिनमें से करीब 10 फीसदी को हटा दिया गया है।

ट्विटर के आधे कर्मचारियों को बाहर किया

मेटा से कर्मचारियों को बाहर करने की खबर ट्विटर में बड़े पैमाने पर हुई छंटनी के बाद आई है। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क के ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कंपनी के लगभग आधे कर्मचारियों की विदाई हो गई है। उनमें से कुछ कर्मचारियों को कंपनी ने वापस आने के लिए कहा है। हालांकि, ट्विटर में कर्मचारियों को अचानक बाहर करने की तुलना में मेटा ने कर्मचारियों को पहले से ही सूचना देकर निकलने को कहा है।

पूरी आईटी इंडस्ट्री में जा रही हैं नौकरियां

सोशल मीडिया कंपनियों में केवल ट्विटर और फेसबुक ही नहीं हैं जो अपने कार्यबल को कम करने पर काम कर रही है। ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेजन ने भी हायरिंग की प्रक्रिया रोक दी है। कर्मचारियों को बाहर निकाल रही है। कंपनी से जुड़े कुछ कर्मचारियों ने सोशल मीडिया प्लेट्फॉर्म्स पर इसकी पुष्टि की है। अमेरिका स्थित एक और सोशल मीडिया कंपनी स्नैप जिसके पास 363 मिलियन डेली एक्टिव यूजर्स हैं, ने भी इसी वर्ष अगस्त में अपने 20 प्रतिशत कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया था।

कंपनी की आगामी परियोजनाएं प्रभावित ना हों, इसलिए हो रही छंटनियां

जैसे-जैसे सोशल मीडिया उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म पर बातचीत करने के तरीके को बदलते हैं, कंपनियां नई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करके अपने उत्पादों में विविधता लाती हैं। कंपनियों की इस कवायद का लक्ष्य उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि करने के साथ ऊर्जा और संसाधनों का तर्कसंगत इस्तेमाल होता है। इसी कड़ी में फेसबुक के मेटावर्स जैसे गतिशील और इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म की घोषणा की गई है। इसके वित्त पोषण के लिए कंपनी ने कर्मचारियों को बाहर करने तक का कड़ा फैसला भी लिया गया है।  

अच्छे प्रोग्रामिंग कोड्स के लिए ऊंची सैलरी पर कंपनियां करती हैं हायरिंग

दुनिया में हर वर्ष टेक कंपनियां हजारों इंजीनियर्स को नौकरी पर रखते हैं। हर जो चीज जो हम इंटरनेट पर करते हैं और देखते हैं वह एक कोड से संभव हो पाता है। सोशल मीडिया कंपनियों को अपना कस्टमर बेस बढ़ाने के लिए हर समय अच्छे कोड्स की जरूरत होती है, और यही कारण है कि वे ऊंची सैलरी पर बाजार में उपलब्ध बेस्ट प्रोग्रामर्स और इंजीनियर्स को नौकरी पर रखते हैं। टेक इंडस्ट्री में ऊंची सैलरी के जॉब्स का यही रहस्य है।

एक प्रोग्रामर या कोडर अपनी जीवन का बेस्ट कोड एक ही बार लिख पाता है यही आईटी इंडस्ट्री की सबसे बड़ी दिक्कत है। एक बार कोई कोड लिख लिया जाता है तो उसके बाद उसे लिखने वाला तकनीकी रूप से कंपनी के लिए काम के नहीं रह जाते यानी गैरजरूरी हो जाता है। अंततः कंपनी को उन्हें बाहर करने का फैसला लेना पड़ता है। कुछ शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि न्यूरल नेटवर्क और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण  की मदद से भविष्य में कोडिंग प्रक्रिया से मानवों की जरूरत पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। ऐसे मशीनों जिन्हें मानव की तरह कार्य करने के लिए डिजाइन किया जाएगा, उनके आने के बाद कोडिंग के कार्यों में मनुष्यों की भूमिका बहुत कम हो जाएगी।