नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम की पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यह जानकारी दी। फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा, "इस परियोजना का बड़ा फायदा यह होगा कि जो यात्रा अभी 8-9 घंटे की होती है, वह इसके निर्माण के बाद घटकर 36 मिनट की हो जाएगी... इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।" 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी। इस रोपवे परियोजना पर करीब 4,081 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस रोपवे को डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा। जिसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटा प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) होगी और यह प्रतिदिन 18,000 यात्रियों को ले जाएगा। 

रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ पूरे वर्ष के दौरान आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करेगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में अंतिम मील की कनेक्टिविटी बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में पैदल या टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर से की जाती है। केदारनाथ उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दिवाली (अक्टूबर-नवंबर) तक वर्ष में लगभग 6 से 7 महीने तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है और इस मौसम में प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं।