नई दिल्ली ।   दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर गुरुवार देर शाम प्रवर्तन निदेशालय की टीम कथित शराब घोटाले के मामले में 10वां समन देने पहुंची। इसके बाद खबर आई कि उनसे पूछताछ हो सकती है फिर पता चला की सीएम के घर की तलाशी ली जा रही है। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची और तत्काल सुनवाई की मांग की। इधर दूसरी तरफ आप के मंत्री सौरव भारद्वाज केजरीवाल से मिलने पहुंचे तो सुरक्षा टीम ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मुझे अंदर नहीं जाने दिया गया। केजरीवाल जी का फोन नहीं लग रहा है। मुझे लगता है उनका फोन ले लिया गया है। उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। ईडी की टीम झूठ बोलकर आई कि उन्हें समन देना है लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि ये केजरीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी है।ये भारतीय जनता पार्टी का अत्याचार है। केंद्र सरकार हमारी छोटी सी पार्टी को खत्म करने देना चाहती है।  

दिन में हाईकोर्ट से मिला था केजरीवाल को झटका

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कथित शराब नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए इस चरण में दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने कहा हमने दोनों पक्षों को सुना है हालांकि इस स्तर पर हम किसी भी आदेश को पारित करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। हालांकि पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को अंतरिम राहत की मांग करने वाले केजरीवाल के आवेदन पर जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता दी जो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का हिस्सा है। अदालत ने कल समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका की विचारणीयता पर ईडी से जवाब मांगा था और मामले को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आज सुनवाई के दौरान दलील दी कि चुनाव नजदीक होने के कारण ईडी इस चरण में गैर-स्तरीय खेल का प्रयास कर रहा है और समन में यह नहीं बताया गया है कि केजरीवाल को किस क्षमता से शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए बुलाया गया है। एकमात्र वस्तु है मेरे पार्लर में आओ, कॉफी मत लो मैं तुम्हें गिरफ्तार कर लूंगा। सिंघवी ने आगे कहा कि ईडी को गिरफ्तारी की आवश्यकता को प्रदर्शित करना चाहिए क्योंकि यह कहना कोई शर्त नहीं है कि केवल इसलिए कि जांच एजेंसी के पास शक्ति है, वह कभी भी इसका इस्तेमाल कर सकती है। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई चुनाव के कारण है और इसे अस्पष्ट, तुच्छ और प्रेरित बताया। दूसरी ओर ईडी की और से पेश एएसजी एसवी राजू ने अंतरिम राहत देने का विरोध किया और तर्क दिया कि केजरीवाल कानून से परे नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि कानून हर व्यक्ति के लिए समान होना चाहिए, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या आम आदमी। अदालत के सवाल पर राजू ने जवाब दिया कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी प्रमुख के तौर पर नहीं, बल्कि निजी हैसियत से पेश होने के लिए कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह दिखाने के लिए सामग्री थी कि पूछताछ के लिए उन्हें बुलाने की आवश्यकता है। एएसजी एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल के आवेदन पर सुनवाई नहीं की जा सकती क्योंकि उनकी मुख्य याचिका की विचारणीयता ही सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि आवेदन शरारतपूर्ण तरीके से पेश किया गया है। राजू ने आगे कहा कि आवेदन पर निर्णय करना मुख्य याचिका में सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाने के समान होगा, खासकर जहां स्थिरता का मुद्दा है। हमने कब कहा कि हम गिरफ़्तारी का आह्वान कर रहे हैं? हम पूछताछ के लिए बुला रहे हैं, हम गिरफ्तार कर सकते हैं हम गिरफ्तार नहीं भी कर सकते। उन्होंने कहा कि यह केजरीवाल की कल्पना की उपज है कि आम आदमी पार्टी को मामले में आरोपी बनाया जा रहा है। “न तो आम आदमी पार्टी और न ही केजरीवाल को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। यदि उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है, तो कथित एफआईआर या मामले को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है।