अलवर में कब्रिस्तान की भूमि के विवाद को लेकर मेव समाज फिर से लामबंद हो गया है। मेव समाज के नेताओं ने अब पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली और मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलते हुए कहा है कि ये नेता जहां भी यह जाएंगे, वहां काले झंडा दिखाकर इनका विरोध किया जाएगा।मेव समाज ने जिला प्रशासन की ओर से गठित की गई एसआईटी के इंचार्ज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। मेव समाज ने शुक्रवार को अलवर के शहीद स्मारक पहुंच कर कब्रिस्तान की जमीन को खुर्दबुर्द करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ जिले की अन्य कब्रिस्तान की जमीनों की भी जांच करने की मांग करते हुए मौन जुलूस निकाला।ये जुलूस शहीद स्मारक से शुरू हुआ। जो अलवर शहर के प्रमुख बाजारों से होता हुआ कलेक्ट्रेट पहुंचा।

जहां एडीएम नवीन यादव को ज्ञापन सौंपा। जुलूस के दौरान आंदोलनकारी अपने हाथों में कब्रिस्तान को सौंपने की मांग को लेकर तख्तियां लेकर चल रहे थे। इस मामले में मेव समाज के प्रतिनिधि सपात खान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि समझौता होने के बाद भी अभी कब्रिस्तान मेव समाज के नाम नहीं किया गया है।सपात खान ने मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान पर आरोप लगाया कि पहले तो पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और मंत्री टीकाराम जूली से जुबेर खान की बनती नहीं थी, लेकिन अब तीनों एक हैं। पटवारी से लेकर एसडीएम के खिलाफ कारवाही तो हो गई, लेकिन कब्रिस्तान की जमाबंदी मेव समाज के नाम नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज के लोग जब तीनों जनप्रतिनिधियों से मिले और मुख्यमंत्री से मिले। तब  उन्होंने हम पर आरोप लगाया कि यह आंदोलन चंद लोग ही चला रहे हैं। समाज साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को भी चंद लोग ही चलाते हैं और आजादी की लड़ाई में भी चंद लोग ही शामिल थे।