नवरात्र में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है। मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर काशी के सप्तसागर (कर्णघंटा) क्षेत्र में स्थित है। देवी दुर्गा की पूजा के क्रम में ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन-पूजन बेहद अहम माना जाता है। काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। श्रद्धालु मां के इस रूप का दर्शन करने के लिए नारियल, माला-फूल आदि लेकर श्रद्धा-भक्ति के साथ अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं.
मां के दर्शन करने से मिलती है परब्रह्म की प्राप्ति
ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है। जो देवी के इस रूप की आराधना करता है, उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है। मां के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं को यश और कीर्ति प्राप्त होती है।
हर मनोकामना होती है पूरी
यहां ना सिर्फ काशी बल्कि अन्य जिलों से भी लोग दर्शन एवं पूजन के लिए आते हैं। नवरात्रि पर तो इस मंदिर में लाखों भक्त मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने वालों को संतान सुख मिलता है। साथ ही वो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं।