रक्त विकार सिकल सेल से देश को मुक्त कराने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ होगा। इसके तहत देश के 17 राज्यों के 200 से ज्यादा जिलों में मौजूद सात करोड़ से अधिक रोगियों की निशुल्क जांच की जाएगी। 

केंद्र सरकार ने इसी साल आम बजट में सिकल सेल मिशन की घोषणा की थी। जानकारी के अनुसार, यह मिशन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के शहडोल से शुरू करने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते यह कार्यक्रम निरस्त करना पड़ा। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल रोगियों की सबसे ज्यादा संख्या है। इस वंशानुगत बीमारी की लोगों को अधिक जानकारी भी नहीं होती, जिसकी वजह से इनके बच्चे भी इस रोग को साथ लेकर जन्म लेते हैं। रोग की इसी चेन को तोड़ने के लिए हर ग्राम पंचायत में घर-घर जाकर स्वास्थ्य टीमें निशुल्क जांच करेगीं।

पॉजिटिव मिलने पर परिवार को देंगे सिकल सेल कार्ड...मिशन के तहत जांच में अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव मिलता है तो उसे सिकल सेल जेनेटिक स्टेटस कार्ड दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल उपचार के लिए किया जा सकता है।

इन राज्यों में सबसे ज्यादा मरीज स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 17 राज्यों के 278 जिलों में करीब सात करोड़ सिकल सेल रोगी हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड शामिल हैं।

पूर्वी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिमी ओडिशा और उत्तरी तमिलनाडु के अलावा केरल की  नीलगिरि पहाड़ी क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोगी हैं। सिकल सेल रोग महिलाओं और बच्चों को अधिक प्रभावित कर रहा है। लगभग 20% आदिवासी बच्चों की दो वर्ष की आयु तक मृत्यु हो जाती है एवं 30% बच्चों की मृत्यु वयस्क होने से पहले हो रही है। भारत में यह बीमारी जनजाति समूहों में अधिक व्यापक है और प्रत्येक 86 बच्चों में से एक में यह बीमारी पाई जाती है।