प्रदेश के 24 विभागों की बनेगी सहकारिता समिति


भोपाल।मध्यप्रदेश के अब कई विभागों में जल्द ही आपकों सहकारिता विभाग की दखलअंदाजी नजर आएगी। सहकारिता विभाग ने एक खाका तैयार किया है, जिसमें कि युवाओं को सहकारिता से जोड़ा जाएगा। शुरुआती दौर में मप्र में माइनिंग से लेकर श्रम, ट्रांसपोर्ट, टूरिज्यम और मंडी सहित 24 विभागों में यूथ को-ऑपरेटिव समितियों का गठन किया जाएगा।
दरअसल, इसके लिए सहकारिता नीति बनाई गई है। ऐसा करने वाला मप्रपहला राज्य होगा। सहकारिता विभाग के इस कदम से ना सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि वह स्वालम्बी बनकर अपने पैरों में भी खड़े होंगे। इससे एक तरफ तो युवाओं को रोजगार मिलेगा जिससे की उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा वहीं दूसरी तरफ सरकार को राजस्व भी मिलेगा। जो पैसा हमारा दूसरे प्रदेश में चला जाता है, सहकारिता नीति आने के बाद वह पैसा हमारे गांव में, हमारे घर में ही रहेगा। नए क्षेत्रों में ग्राम, जिला और राज्य स्तर पर समिति गठित की जाएंगी। विभिन्न सरकारी योजनाओं से समितियों को जोडक़र काम किया जाएगा। किसानों को उपकरण उपलब्ध कराने के लिए उपकरण बैंक की स्थापना, ग्रामीण परिवहन, पर्यटन, स्वास्थ्य, बीमा, सेवा, जैविक उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, विद्युत एवं जल वितरण व्यवस्था के लिए समिति बनाना प्रस्तावित किया गया है। सहकारी बैंकों में एटीएम और मिनी एटीएम की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

युवाओं के रोजगार के लिए अनूठी पहल
सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने बताया कि युवाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए अब जल्द ही सहकारिता विभाग एक अहम कदम उठा रहा है। सहकारिता मंत्री का कहना है कि हमारा विभाग कई अन्य विभागों के साथ मिलकर आगामी दिनों में एक ऐसा काम करेगा, जिसके लिए देश का पहला राज्य होगा। सहकारिता मंत्री का कहना है कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए माइनिंग, श्रम, ट्रांसपोर्ट, टूरिज्यम और मंडी को चुना गया है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि स्वरोजगार के लिए कृषि, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, जल संरक्षण, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, खनिज, कृषि उपकरण बैंक, जैविक उत्पाद, जल एवं विद्युत वितरण सहित अन्य क्षेत्रों में सहकारी समितियों का गठन कर इन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा।

 सहकारी समितियों में जल्द ही कम्प्यूटर व्यवस्था
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी संस्थाओं के आडिट की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होना चाहिए। इसके लिए आडिटर का आवंटन ऑनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से हो। जिला सहकारी बैंकों में एटीएम और मिनी एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम किया जाएगा। गृह निर्माण सहकारी समितियों की पूरी जानकारी पोर्टल पर होगी, ताकि कोई भी उसे देख सके। सहकारी समितियों के गठन के लिए आवश्यक नियम बनाकर पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे। सहकारी समितियों में जल्द ही कम्प्यूटर व्यवस्था लागू होने जा रही है इसके लिए प्रदेश सरकार ने अच्छा-खासा बजट भी पास कर दिया है। सहकारी समिति में पुराना ढर्रा समाप्त हो जाएगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले आमतौर पर किसान द्वारा पैसा चुकाने में हाथ से लिखी हुई रसीद दी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा कम्प्यूटरीकृत होने से किसान को तत्काल एक रसीद मिलेगी जो विभाग से अधिकृत होगी।