जयपुर । विश्वस्तरीय शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं देने के मामले में अग्रणी निम्स यूनिवर्सिटी अब रावतभाटा स्थित राजस्थान परमाणु बिजलीघर के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों का घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वेक्षण करेगी और उन्हें उचित परामर्श देगी। न्यूक्लियर रिएक्टर से यदि लोगों की सेहत पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ता है तो उसका अध्ययन भी इस हेल्थ सर्वे के माध्यम से किया जाएगा। भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के उद्यम न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने निम्स यूनिवर्सिटी को यह अहम जिम्मेदारी दी है। इस साल 1 नवम्बर से शुरु होने वाला हेल्थ सर्वे 18 माह तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान 30 हजार से अधिक लोगों के सेहत की जानकारी ली जाएगी। इस उपलब्धि के लिए निम्स यूनिवर्सिटी चेयरमैन प्रो. (डॉ.) बलवीर सिंह तोमर ने पूरी टीम को बधाई दी है। कुलपति डॉ संदीप मिश्रा ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आदेशों की पालना में निम्स यूनिवर्सिटी के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एवं रिसर्च के डिपार्टमेंट ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन द्वारा यह हेल्थ सर्वेक्षण किया जा रहा है। डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ कैलाश चंद वर्मा, डॉ अमित कुमार कंबोज और एडिशनल रजिस्ट्रार श्री विनय के नायसर प्रमुख भूमिकाओं में होंगे। सर्वे के लिए पांच टीमें बनाई जाएंगी, जिनमें मेडिकल ऑफिसर्स, नर्सिंग स्टाफ, सोशल वर्कर्स, एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट, एम्बुलेंस ड्राइवर आदि शामिल होंगे। इस सर्वेक्षण की गुणवत्ता और प्रमाणिकता का जिम्मा टाटा मैमोरियल सेंटर, मुंबई को दिया गया है।
 सर्वेक्षण का यह होगा फायदा
निम्स यूनिवर्सिटी द्वारा किए जाने वाले इस हेल्थ सर्वे के माध्यम से रावतभाटा परमाणु साइट के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी। बीमार होने की स्थिति में मेडिकल टीम द्वारा उचित सलाह भी दी जाएगी। इसके साथ ही आणविक शक्ति के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन भी किया जा सकेगा, जिससे न्यूक्लियर रिएक्टर के दुष्प्रभाव से जुड़ी भ्रांतियां दूर करने में मदद मिलेगी।
आठ ईवी और 22 ई-कार्ट को दिखाई हरी झंडी
राजस्थान परमाणु बिजलीघर रावतभाटा साइट डायरेक्टर श्री एन के पुष्पकर और उनकी टीम मंगलवार को निम्स यूनिवर्सिटी पहुंची और यहां आठ इलेक्ट्रिक व्हीकल और 22 ई-कार्ट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गौरतलब है कि निम्स विश्वविद्यालय ग्रीन इनिशिएटिव के तहत ट्रांसपोर्टेशन के लिए पर्यावरण अनुकूल वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहा है और जल्द ही अन्य 50 ईवी भी वाहनों के बेडे में शामिल की जाएंगी। इस दौरान रावतभाटा साइट स्टेशन डायरेक्टर श्री एस हलदर, एसोसिएट डायरेक्टर श्री पवन कुमार मिश्रा, मेडिकल ऑफिसर डॉ एस गणेशन और डॉ शैलेष कुमार भी मौजूद रहे। इसके अलावा निम्स विवि निदेशक डॉ पंकज सिंह, कुलपति डॉ संदीप मिश्रा, रजिस्ट्रार डॉ संदीप त्रिपाठी सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर निम्स विवि द्वारा श्री पुष्पकर और उनकी टीम को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया।