जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि पर्यटन का क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होता है, वहीं इससे प्राप्त होने वाली आय से राज्य के विकास को गति मिलती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट लोक कलाओं और संस्कृति के संरक्षण तथा उत्थान के लिए राज्य सरकार जल्द ही राजस्थान लोक कला उत्सव का आयोजन करने जा रही है। 
उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले राजस्थान लोक कला उत्सव से प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक कला उत्सव के आयोजन के लिए प्राथमिकता से प्रमुख स्थानीय पर्यटन स्थलों को चुना जाएगा। पर्यटन से जुड़े विभिन्न उद्योगों से समन्वय कर इसका पर्याप्त प्रचार सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि राजस्थान में लगभग 22 प्रकार के लोक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। इन उत्सवों के माध्यम से सैलानी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का आनंद उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान का प्रत्येक क्षेत्र अपनी अनूठी संस्कृति लिए हुए है। विभिन्न माध्यमों से राजस्थान की लोक कलाओं और संस्कृति के साथ-साथ यहां के विशिष्ट व्यंजनों का व्यापक स्तर पर प्रचार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इनका अनुभव लेने राजस्थान आएं।  बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022 में राजस्थान में पर्यटकों के आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। प्रदेश में देशी पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष 90.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा इस वर्ष सितम्बर तक 1.64 लाख विदेशी सैलानी राजस्थान घूमने आए हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लिए जा रहे विभिन्न निर्णयों से राज्य देश-विदेश के पर्यटकों के आकृर्षण का केन्द्र बना है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के टाउन हॉल को एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 96 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया है। यहां राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का इतिहास पर्यटकों को दिखाया जाएगा।   बैठक में बताया गया कि पर्यटन को राज्य सरकार द्वारा उद्योग का दर्जा दिए जाने एवं रिप्स-2022 के तहत दी जा रही विभिन्न प्रकार की छूट से पर्यटन से आजीविका अर्जित करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है। विद्युत बिलों में औद्योगिक दरों के लागू होने से 30 प्रतिशत तक की बचत हो रही है। इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि परिवर्तन शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट दी गई है। पर्यटन इकाइयों को ऋण पर 8 प्रतिशत तक ब्याज दर में सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा निर्माण कार्यों में भी आवश्यक अनुमतियों में औद्योगिक दरें लागू कर दी गई हैं।