जयपुर । युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की राह पर चलाने तथा उन्हें रोजगार के सुनहरे अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही है उन्हीं में से एक है राजस्थान सक्षम योजना। इस योजना के माध्यम से न सिर्फ प्रदेश के युवाओं का जीवन संवर रहा है बल्कि उनकी उद्यमशीलता का भी भरपूर विकास हो रहा है। ऐसी ही एक कहानी है जोधपुर जिले की साक्षी सिंह की।
साक्षी सिंह फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती थी लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण किसी संस्थान से इसका प्रशिक्षण ले पाना उनके लिए संभव नहीं था। एक समय साक्षी को लगने लगा कि फैशन डिजाइनिंग सिखना और अपने माता-पिता को आर्थिक तौर पर सहयोग करने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। साक्षी ने बताया कि अधूरे सपने के साथ वह इस क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य क्षेत्र में कैरियर बनाने पर विचार करने लगी लेकिन तभी उन्हें अपने एक परिचित के माध्यम से राजस्थान सक्षम योजना की जानकारी मिली। योजना के बारे में पता चलते ही मानों साक्षी के सपनों को पंख मिल गए।  साक्षी ने दिव्या लोक सेवा संस्था से सिलाई का प्रशिक्षण लेना शुरु किया। प्रशिक्षण कार्य पूरा होने के बाद उन्होंने  माइशा बुटिकÓ से सिलाई का कार्य शुरु किया जहाँ उन्हें प्रतिमाह 9 हजार रुपए की राशि मिलती थी। माइशा बुटिकÓ में चार महीने कार्य करने के बाद साक्षी ने स्वरोजगार करने का मन बनाया। योजना के तहत उन्हें सिलाई मशीन दी गई। इससे उन्होंने घर से ही सिलाई का कार्य करना शुरु किया और आज वह अपने पिता के साथ मिलकर अपनी और अपने भाई-बहनों की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर रही हैं। साक्षी ने बताया कि राज्य सरकार की इस योजना से उन्हें घर बैठे ही सिलाई के कार्य से प्रतिमाह 11 हजार रुपए की आय हो जाती है।