न्यूयॉर्क । जो लोग मांसाहार छोड़कर शाकाहारी या वीगन बनते हैं, उनके लिए समस्या ज्यादा होती है। इसतरह के लोगों के लिए वैज्ञानिकों ने एक खास किस्म का चिकन मीट बनाया है, जो उन्हें रियल मीट का ही फुल फील देगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक वैज्ञानिकों ने जो मीट तैयार किया है, उसका सेल्युलर स्ट्रक्चर भी बिल्कुल चिकन की तरह ही है लेकिन इसकी खासियत ये है कि इसमें किसी भी जानवर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। ये मौजूद फैक्ट्री के बायोरिएक्टर्स में बनता है। इन्हें कल्चर्ड मीट कहा जाता है लैब में इन्हें बनाया जाता है। 
अब से 10 साल पहले, तब ऐसी कंपनियां कम थीं लेकिन अब दुनिया भर में 150 ऐसी कंपनियां हैं जो कल्चर्ड मीट, दूध और इसतरह के अन्य प्रोडक्ट बना रही हैं। पिछले महीने 2 तरह के कंपनियां भी आईं, जिन्होंने लैब में चिकन प्रोडक्ट्स बनाए, जो जल्दी ही रेस्टोरेंट तक भी पहुंचने वाले हैं।  
इस काम में इसके प्लांट्स लगाने में करोड़ों का निवेश लगेगा, हालांकि इसकी डिमांड भी बढ़ सकती है क्योंकि ये बिना जानवरों को नुकसान पहुंचाए मीट का प्रोडक्शन करेगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर जहां लोगों का कहना है कि ये ओरिजनल मीट से होने वाले नुकसान से लोगों को बचाएंगे वहीं इसके विरोधियों का मानना है कि इसमें जितना पैसा और मेहनत लग रही है, उतना अच्छा नतीजा नहीं होगा।