हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर खुले। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 300 अंकों से अधिक की बढ़त के साथ 81,697 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 94 अंक मजबूत होकर एक बार फिर 25000 के पार पहुंच गया।

सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर सेंसेक्स 315.34 (0.38%) अंक चढ़कर 81,696.70 पर जबकि निफ्टी 93.71 (0.38%) अंक मजबूत होकर 25,057.95 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। हफ्ते की शुरुआती दिन निवेशकों की नजर रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाजी नतीजों पर रहेगी।

खुदरा महंगाई के आंकड़ों और कंपनियों के वित्तीय परिणामों पर निवेशकों की नजर

इसके अलावे, घरेलू बाजार में खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी होने हैं, बहुत हद तक इससे भी बाजार की दिशा तय होगी। महंगाई के आंकड़ों से निवेशकों को यह अनुमान लगाने में आसानी होगी कि ब्याज दरों में संभावित कटौती कब शुरू होगी।

आज से शुरू हो रहे हफ्ते के दौरान बहुत हद तक बाजार की दिशा कंपनियों के वित्तीय परिणामों से तय होगी। इस दौरान देश की बड़ी कंपनियों जैसे रिलायंस, इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और एचसीएल टेक के नतीजे आने हैं। निवेशकों ध्यान वैश्विक स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव, खासकर पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष का तेल की कीमतों पर असर के साथ-साथ वैश्विक निवेश के प्रवाह पर भी रहेगा। शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 4 पैसे की बढ़त के साथ 84.06 रुपये पर पहुंच गया।

निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर ये रहे

सोमवार को शुरुआती कारोबारी सत्र के दौरान एनएसई निफ्टी के सबसे अधिक मजबूती हासिल करने वाले शेयर श्रीराम फाइनेंस, विप्रो, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, बीपीसीएल रहे। इनमें 2.10 प्रतिशत तक की बढ़त दिखी। दूसरी ओर, मारुति में सबसे अधिक 0.83% की गिरावट दर्ज की गई। अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, ब्रिटानिया और सिप्ला के शेयर भी लाल निशान पर कारोबार करते दिखे। निफ्टी के 30 शेयरों में 36 बढ़त के साथ जबकि 14 शेयर गिरावट के साथ कारोबार करते नजर आए।

सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

पिछले हफ्ते बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली लगातार जारी रही। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 4,162.66 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,730.87 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

इस महीने, 11 अक्टूबर तक, एफपीआई ने 58,710 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है। हालांकि बड़े पैमाने पर हुई बिक्री का बाजार पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि पूरे एफपीआई की ओर से हो रही बिकवाली की कमी डीआईआई की खरीदारी से भरपाई हो रही है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "एफआईआई की बिकवाली और डीआईआई की खरीद का यह रुझान निकट भविष्य में जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि भारत में ऊंचे मूल्यांकन की तुलना में चीनी शेयर सस्ते बने हुए हैं।"

एशियाई बाजारों में, टोक्यो, शंघाई और सियोल हरे निशान में कारोबार कर करते दिखे, जबकि हांगकांग लाल निशान पर था। विजयकुमार ने कहा, "दूसरी तिमाही के अच्छे नतीजों की उम्मीद के चलते आईटी और बैंकिंग शेयरों में मजबूती बनी रहने की संभावना है। हालांकि, यहां से बाजार में तेजी आने की संभावना सीमित है।"

वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुआ। विजयकुमार के अनुसार अगले महीने होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के साथ-साथ मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव का भी बाजार पर असर डाल सकता है।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.09 प्रतिशत गिरकर 78.18 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 230.05 अंक गिरकर 81,381.36 पर और एनएसई निफ्टी 34.20 अंक गिरकर 24,964.25 पर बंद हुआ था।