जयपुर । प्रदेश में वन्यजीवों की तस्करी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. राजधानी जयपुर में वन विभाग की टीम ने उल्लू की तस्करी करते हुए 3 आरोपियों को दबोचा है कार्रवाई में होप एंड बियोंड संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. डीएफओ वीरसिंह ओला के निर्देशन में वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए बोगस ग्राहक भेजकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 
वन विभाग की टीम ने आरोपी राकेश कुमावत, संजय कुमावत और दीपक कुमावत को गिरफ्तार किया है जानकारी के अनुसार तंत्र मंत्र के काम के लिए उल्लू को लक्ष्मी जी का वाहन बताकर उल्लू का सौदा तय किया गया था उल्लू को तंत्र-मंत्र के काम में आने का झांसा देकर 1 लाख रुपए में बेचने का सौदा तय किया गया था। एसीएफ ओपी शर्मा के नेतृत्व में फॉरेस्टर महेश शर्मा, वन रक्षक वीरेंद्र मान और वन विभाग की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया है होप एंड बियोंड संस्थान के मुताबिक वन्यजीवों की खरीद फरोक्त का सिलसिला थम ही नहीं रहा है. इसी कड़ी में जयपुर में एक व्यक्ति उल्लू (बार्न आउल) का सौदा करते हुए पकड़ा गया है होप एंड बेयोंड संस्था के स्वयंसेवी ने बोगस (नकली) ग्राहक बनकर बात की दिनभर तस्करो ने कभी यहां तो कभी वहां बुलाकर स्वयंसेवी को भगाया कड़ी मशक्कत के बाद उसने उल्लू के सौदे के लिए सीकर रोड पर 14 नम्बर के पास बुलाया और उल्लू का सौदा किया धार्मिक भावनाओं का झांसा देकर उसने एक लाख में उल्लू का सौदा तय किया होम एंड बियोंड संस्था ने जयपुर वन विभाग को इसकी सूचना दी. इसके बाद एसीएफ ओपी शर्मा और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर वन्यजीव तस्करों को दबोच लिया। उल्लू की किसी भी प्रकार की प्रजाति को रखना, खरीदना और बेचना गैर कानूनी है यह पक्षी वाइल्ड लाइफ एक्ट के अंतर्गत शेडुल फस्र्ट कैटेगरी के अंतर्गत आता है यदि कोई भी व्यक्ति इस नियम की अवहेलना करते हुए पकड़ा जाता है, तो कड़ी सजा का प्रावधान है।