इस स्कीम के दायरे में खिलौने, फर्नीचर, साइकिल और कंटेनर उद्योग को भी लाने पर विचार विमर्श किया जा रहा है। बता दें कि इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को बढ़ावा देना और रोजगार के मौके बढ़ाना है।उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के दायरे को कुछ इलेक्ट्रॉनिक घटकों, फार्मा और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर सरकार में चर्चा चल रही है।सरकार ने पिछले साल ऑटोमोबाइल और ऑटो कलपुर्जे, व्हाइट गुड्स, कपड़ा, उन्नत रसायन सेल और विशेष इस्पात सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग दो लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना को शुरू किया था।