बीजिंग । प्रशांत महासागर के एक छोटे से देश सोलोमन द्वीप ने चीन से पु‎लिस समझौते पर करार ‎किया है। हालां‎कि इसके पहले उसने सुरक्षा समझौते पर भी हस्ताक्षर ‎किए थे। इससे आस्ट्रे‎लिया समेत प्रशांत महासागर के अनेक देशों की ‎चिंताएं गढ़ गई हैं। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि सोलोमन द्वीप समूह के चार साल पहले तक चीन नहीं बल्कि उसके सबसे बड़े दुश्मन ताइवान के साथ राजनयिक संबंध थे। तब सोलोमन द्वीप समूह ताइवान को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देता था। लेकिन, पिछले चार साल में चीन और सोलोमन द्वीप समूह के संबंधों ने एक नया इतिहास लिखा है। चीन और सोलोमन द्वीप समूह ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तौर पर विकसित करने के लिए पुलिस सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता उन नौ समझौतों में से एक था, जिस पर सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री मनश्शे सोगावरे ने बीजिंग में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात के दौरान साइन किया। इन समझौतों को सोलोमन की स्वतंत्र विदेश नीति के अंतिम फैसले के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें ‎कि र‎‎विवार को ही सोगावारे ने चीन और सोलोमन द्वीप समूह के बीच 2022 में सुरक्षा समझौता किया था। इस समझौते ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिय समेत प्रशांत महासागर के कई देशों की चिंताओं को बढ़ा दिया था।
इस संबन्ध में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने बताया कि केवल चार वर्षों में चीन और सोलोमन द्वीप के बीच संबंध तेजी से विकसित हुए हैं, और अब हम कह सकते हैं कि यह बहुत उपयोगी है। बदले में, सोगावारे ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने में चीन की भूमिका के लिए उसे धन्यवाद दिया और कहा कि उनके देश को चीन के अनुभव से बहुत कुछ सीखना है। गौरतलब है ‎कि सोगावारे 2019 में सोलोमन द्वीप समूह में सत्ता में आए थे। इसके बाद से ही उन्होंने राजनयिक संबंधों को ताइवान के बदले चीन से बदल दिया था। ऐसा दावा किया जाता है कि सोगावारे की जीत में चीन का हाथ था।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि वाशिंगटन अपने लोगों के सर्वोत्तम हित में संप्रभु निर्णय लेने के लिए राष्ट्रों की क्षमता का सम्मान करता है। 
जानकारी के अनुसार पिछले महीने सोगावारे ने ऑस्ट्रेलिया के साथ 2017 की सुरक्षा संधि की समीक्षा का आह्वान किया था, जिसने ऐतिहासिक रूप से सोलोमन द्वीप को पुलिस सहायता प्रदान की है। 2021 में जब सोलोमन द्वीप समूह में भीषण दंगे हुए थे, तब ऑस्ट्रेलिया ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायता के लिए अपने देश की पुलिस को तैनात किया था। हालांकि, अब सोलोमन द्वीप की पुलिस चीन से ज्यादा ट्रेनिंग ले रही है। मी‎डिया में आई खबरों के अनुसार चीन अपनी कानून प्रवर्तन क्षमता बढ़ाने के लिए सोलोमन द्वीप को सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। इस संबन्ध में सोगावारे ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की और दोनों एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने पर सहमत हुए। शी ने सोगावारे को बताया कि चीन सोलोमन द्वीप में निवेश करने वाली अपनी अधिक कंपनियों का समर्थन करता है और बिना किसी राजनीतिक बंधन के आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।