103 सीटों पर नए चेहरों को मिलेगा मौका


भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा ने पिछले चुनाव और उपचुनाव के बाद बदली स्थितियों में हारी हुई 103 सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इनमें से कांग्रेस के पास 96 और सात अन्य के पास हैं। पार्टी की तैयारी है कि इन सीटों में ज्यादा से ज्यादा पर जीत हो। इसी उद्देश्य से अगले तीन महीने इन्हीं क्षेत्रों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के दौरे होंगे। पार्टी ने सभी सीटों में एक-एक प्रभारी नियुक्त कर रखा है। हर 15 दिन में इन क्षेत्रों में प्रगति की जानकारी ली जा रही है। भाजपा इन सीटों पर कांग्रेस विधायकों के विरुद्ध एंटी इनकंबैंसी का लाभ उठाना चाहती है। पार्टी इन सीटों पर नए चेहरे उतारने की तैयारी में है।
इन सभी सीटों पर वरिष्ठ भाजपा नेताओं की निगरानी में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को घेरने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा उन सात सीटों पर भी भाजपा फोकस कर रही है, जिन पर सपा-बसपा और निर्दलीय विधायक चुनाव जीते थे। 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में फिलहाल भाजपा के पास 127 सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस के कब्जे में 96 और अन्य के पास सात सीटें हैं।

भाजपा की अब तक की तैयारी
प्रभारियों ने दौरे कर पिछले मप्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारण जाने और उन्हें दूर करने में जुटे हैं। संबंधित विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की संगठनात्मक कमजोरी का अध्ययन कर सुधार के प्रयास। चिह्नित कमजोरियों को दूर करने के लिए सभी मोर्चा-प्रकोष्ठ और संगठन के नेताओं के साथ समन्वय बनाया गया है। सामाजिक और जातिगत समीकरणों का अध्ययन कर उनके हिसाब से चुनावी जमावट की तैयारी। भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस के विधायकों के विरुद्ध बहुत एंटी इनकंबैंसी है। उनके नकारापन और व्यवहार से जनता त्रस्त है। इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस विधायकों ने जनप्रतिनिधि के नाते विकास की अनदेखी की है। जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को न मिल सके इसका भी षड्यंत्र कांग्रेस विधायकों ने किया है। इस कारण जनता कांग्रेस विधायकों को हटाना चाहती है। वर्तमान विपक्षी विधायकों के विरुद्ध भाजपा संगठन की संरचना और राजनीतिक मुद्दों के तौर पर तैयारी है। हम जनता के साथ खड़े हैं। भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं और विकास के बीच में कांग्रेस के विधायकों को रहने नहीं देंगे।

कांग्रेस नेताओं की करेंगे घेराबंदी
भाजपा कांग्रेस के बड़े नेताओं की 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले घेराबंदी करना चाहती है ताकि उन्हें क्षेत्र के बाहर प्रचार का मौका न मिल पाए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ को उनके घर में ही घेरने की रणनीति भाजपा ने बनाई है। दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं तो बेटे जयवर्धन सिंह की राघौगढ़ सीट से। इसी तरह कमल नाथ के छिंदवाड़ा के लिए भाजपा ने दो स्तर पर नेताओं को लगाया है। लोकसभा सीट की तैयारी के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल को भी लगाया गया है।